देर रात तक फोन चलाने से टेढ़ी हो रहीं ‘आंखें’

अंधेरे में स्मार्टफोन देखते रहने की लत आपकी आंखों के लिए घातक साबित हो सकती है। चीन के डाक्टरों ने दावा किया है कि इससे आई स्ट्रोक और बच्चों में आंखें टेढ़ी होने का खतरा बढ़ जाता है। हाल ही में चीन के एक व्यक्ति की आंखों की रोशनी स्मार्टफोन देखने की लत के कारण चली गई। डाक्टरों के अनुसार रात को सोने के वक्त देर तक स्मार्टफोन देखने की वजह से इस व्यक्ति को आई स्ट्रोक हुआ और एक झटके में उसकी आंखों की रोशनी चली गई।  पीडि़त व्यक्ति का नाम वांग है और उसे अंधेरे में देर तक स्मार्टफोन पर वीडियो गेम खेलने की आदत थी। शानजी प्रांत के डाक्टरों ने वांग में सेंट्रल रेटिनल आर्टिओकक्लूशन नामक बीमारी की पहचान की है। इस बीमारी को आई स्ट्रोक भी कहा जाता है। यह आंखों के रेटिना में ऑक्सीजन पहुंचाने वाली धमनियों के संकरा होने या अवरूद्ध होने की वजह से होती है। इससे दुनियाभर में दो करोड़ से ज्यादा लोग पीडि़त हैं। हालांकिए अमेरिकी डाक्टरों का मानना है कि वांग को ओकक्युलर माइग्रेन का दौरा पड़ा होगा, जिससे अस्थाई तौर पर उसकी दृष्टि चली गई। ऐसा रेटिना या आंखों के पीछे के हिस्से में मरोड़ की वजह से होता है।

क्या है आई स्ट्रोक

दिमाग में होने वाले स्ट्रोक की तरह ही जब रेटिना तक पहुंचने वाले रक्त का प्रवाह रुक जाता है तब आई स्ट्रोक होता है। रेटिना ऊतकों की एक पतली परत हैए जो देखने में मदद करती है। आई स्ट्रोक से दृष्टि काफी कमजोर हो जाती है या फिर दिखना पूरी तरह से  बंद हो जाता है। रक्त का प्रवाह अवरूद्ध होने से रेटिना को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और कुछ मिनटों या घंटों में कोशिकाएं मरने लगती हैं।

लगातार बढ़ रहा चश्मे का नंबर

आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों मोबाइल फोन, टैब और लैपटॉप पर नजरें गड़ा, रहने से बच्चों की आंखों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इससे बच्चों की दूर की नजर कमजोर हो रही है। लगातार नजदीक से देखने के कारण आंखों पर जोर पड़ता है और उनमें रुखापन आ रहा है। इससे बच्चों की आंखें टेढ़ी होती जा रही हैं। उनके चश्मे का नंबर बढ़ रहा है।