देवी मां आई,साक्षी को साथ लाई

कुल्लू –1661 से लेकर चल रहे अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में ऐसा कभी नहीं हुआ होगा कि किसी देवी-देवता ने अपने साथ गांव में प्रकट होने वाले साक्षी को भी लाया होगा।  लेकिन इस बार पहली बार यहां यह देखने को मिल रहा है देवी-मां अठारह करडू की सौह ढालपुर में स्वयं भी पहली बार आई और अपने साथ उस साक्षी को भी देव समागम में लाई है जिसे मातारानी प्रकट हुई थी। यहां इस बार 278 देवी-देवता विराजमान हैं, लेकिन उनके साथ ऐसा कोई भी साक्षी नहीं है कि जिसे शुरूआती दौर में देवी-देवता प्रकट हुए थे, लेकिन कटराईं की देवी नरसिंह लक्ष्मी माता प्रकट होने का साक्षी साथ है। यह एक बिलकुल नया अध्याय अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में जुड़ गया है। माता का इतिहास बिलकुल नया है। मात्र तीन दशक पुराना इतिहास है। वर्ष 1990 में माता प्रकट हुई है। आज माता को प्रकट हुए 29 साल ही हो गए हैं। माता की शक्तियां अद्भुत और अनूठी है। माता के दर जो पहुंचता है, उसे मनचाहा वरदान मिलता। इसके साक्षी कई लोग हैं। हालांकि अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में 1661 के बाद आ रहे देवी-देवताओं के इतिहास सदियों पुराने हैं। जिसका आज की कई युवा पीढ़ी को बारीकी से पता भी नहीं है। लेकिन कटराईं की देवी नरसिंह लक्ष्मी माता  प्रकट होने का साक्षी पुजारी अजय शर्मा है, जो माता के साथ यहां उपस्थित हैं। दशहरा उत्सव में पहुंचे 278 देवी-देवताओं में से अकेली माता नरसिंह लक्ष्मी का गांव में प्रकट होने का साक्षी साथ में हैं। अजय शर्मा का कहना है कि उन्हें सपने में माता ने बताया कि मैं देवी नरसिंह लक्ष्मी हूं। इसके बाद मोहरे की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की गई और धीरे-धीरे माता ने रथ में विराजमान होने की भविष्यवाणी की भी है।