देव सियुन-गरलोग गहरी का मिलन

माला-री-जातर मेले के दौरान जंगल में इकट्ठा हुए दोनों देवता

पद्धर –उपमंडल की ग्राम पंचायत कुन्नू के हरड़गलू जंगल में माला-री-जातर मेला धूमधाम से मनाया गया। देव सियुन गहरी और देव गरलोग गहरी के रथ इस मेले में हर वर्ष देव परंपरा का निर्वहन करते हुए मेले की रश्म को पूरा करते हैं। दोनों देवताओं के रथ बुधवार सुबह देवलुओं के साथ गांव सियुन और गरलोग से रवाना हुए। संध्या की वेला पर दोनों देवरथ, जो आपस में सगे भाई हैं, जातरा-रा-रीडू नामक जंगल में एकत्र हुए। इससे पूर्व मोहड़धार गांव में स्वर्गीय लक्ष्मण राम शास्त्री निवास पर दोनों देवताओं का देव समागम हुआ। यहां देवताओं की खिदमत मंडयाली धाम से की जाती है। दोनों देवताओं ने मेला स्थली पर देव खेल लिया। देवता के गूरों ने देव नृत्य किया। लोगों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देकर दोनों देवरथ पास के गांवों को रवाना हुए। बड़ादेव सियुन गहरी घनेहड़ और गरलोग गहरी सीह गांव में बुधवार रात को रुके। रात्रि को दोनों गांवों में देव कारदारों द्वारा मंडयाली जनपद की बांठड़ा प्रथा की रश्म को निभाया गया। गुरुवार को देव रथ अपने मंदिरों को लौट जाएंगे। इस मेले से क्षेत्र में दिवाली पर्व का आगाज होता है। इस मौके पर देव सियुन गहरी के पुजारी,  गूर देव गरलोग गहरी के पुजारी ज्ञान चंद ठाकुर, गूर सियुन के प्रधान पदम सिंह, पूर्व प्रधान एवं देवकार समिति पद्धर के अध्यक्ष लेख राम ठाकुर सहित दर्जनों देवलु मौजूद रहे।