देहरा अस्पताल में एंबुलेंस को भटके तीमारदार

देहरा गोपीपुर –सिविल अस्पताल देहरा के हालातों पर गौर किया जाए, तो अस्पताल की हालात काफी दयनीय है। अहम बात तो यह है कि जिस सिविल अस्पताल के पास एंबुलेंस पर ड्राइवर न हो,  उसमे स्वास्थ्य सुविधाएं कैसी होगी।  ताजा घटनाक्रम के मुताबिक मंगलवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया जब मरीज के तीमारदारों को अस्पताल से अपने मरीज को वहां सर रैफर करने के लिए एंबुलेंस की जरूरत पड़ी, तो अस्पताल प्रशासन व्यवस्था की सारी पोल खुल कर सामने आ गई। जानकारी के मुताबिक शेर लोहरा पंचायत के केसर चंद  उम्र 85 गांव टीका टेड़ा के निवासी के तीमारदारों में विनोद कुमार ने बताया रोड की हालत ठीक न होने के कारण पहले तो उन्होंने अपने मरीज को स्टेचर पर उठाकर रोड तक पहुंचाया । फिर 108 एंबुलेंस में सिविल अस्पताल देहरा पहुंचाया । तीमारदारों का आरोप है कि प्राथमिक उपचार के बाद जैसे ही वो अपने मरीज को एमएच अस्पताल योल रैफर करवाया, तो उन्हें एंबुलेंस की जरूरत पड़ी । लेकिन हैरानी तो इस बात की है कि जब एंबुलेंस से मरीज को ले जाने की बात हुई तो ऐसी हकीकत सामने आई,  जिसके कारण अस्पताल की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई। चौकाने वाली बात तो यह है कि तीमारदारों को यह बताया गया कि  एंबुलेंस तो मरीज को अस्पताल तक पहुंचाती है, लेकिन अस्पताल से रैफर मरीज को अन्य अस्पताल में लेकर नहीं जाती है।  हैरानी तो इस बात की है कि जब रेडक्रॉस और सेवा भारती समिति के तहत अस्पताल की एंबुलेंस पर कोई भी ड्राइवर न  होने के कारण मरीज के तीमारदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लिहाजा खबर लिखे जाने तक उक्त मरीज के तीमारदारों ने अपने मरीज को सिविल अस्पताल देहरा में ही उपचार करवाया जा रहा था। फिलवक्त अस्पताल में एंबुलेंस न मिल पाने के कारण मरीज के तीमारदारों को खूब खरी खोटी सुनाई। उधर, इस बारे में जब एसएमओ  डा. गुरमीत सिंह ने बताया कि एंबुलेंस पर एक चालक था, जिसकी सेवानिवृत्ति के बाद चालक का पद खाली चल रहा है। इस समस्या के बारे में स्वास्थ्य महकमे के हॉयर अथारिटी को अवगत करवाया जा चुका है।