धर्मकोट का ऐलान रोड नहीं, तो वोट नहीं

धर्मशाला नगर निगम के आधा दर्जन क्षेत्र सड़क से महरूम, विरोध में करेंगे उपचुनाव का बहिष्कार

धर्मशाला – मकलोडगंज में धर्मकोट के साथ लगते आधा दर्जन पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों ने पूरी तरह से चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है। आजादी के 73 वर्षों भी सड़क से कटे क्षेत्र के लोगों ने अब आक्रोशित होकर लोकतंत्र से पूरी तरह से हटने का फैसला किया है। दर्जनों लोगों ने रोड नहीं तो वोट भी नहीं, बैनर लेकर अपना आक्रोश जताया है। गुरुवार को हेनी क्षेत्र में हाथों में सलोगन थामे आक्रोशित लोगों ने सरकारों, प्रशासन और विभागों के खिलाफ भी नारे लगाए। लोगों में सड़क, स्वास्थ्य सुविधा और शिक्षा से वंचित रहने का दर्द आक्रोश में छलक रहा है। नगर निगम धर्मशाला के तहत आने वाले वार्ड नंबर दो मकलोडगंज के धर्मकोट के क्षेत्र हेनी, सुकेड़ी, रक्कड़, मटेहड़, खताहड़ सहित अन्य क्षेत्रों को आजादी के 73 वर्षों बाद भी सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है। जिस कारण क्षेत्र के लोगों को दो से अढ़ाई किलोमीटर तक आज भी पैदल सफर करना पड़ता है। गंभीर बीमारी और गर्भवती महिलाओं को स्मार्ट सिटी के आधा दर्जन क्षेत्रों से पालकी में डालकर सड़क तक पहुंचाया जाता है, जबकि एंबुलेंस की सुविधा भी अब सड़क न होने से बेमानी प्रतीत होती है। इसके अलावा बच्चों को बारिश में स्कूलों में पहुंचने, घरों का सामान, गृह निर्माण सामग्री को भी घोड़ों या पीठ पर ढोना पड़ता है। क्षेत्र के लोगों में से मनोज कुमार, सुभाष कुमार, नंद लाल, विशन दास, निर्मला देवी, वीना कुमारी,  सुनीना पठानिया और देशराज ने बैठक कर चुनाव बहिष्कार करने की रणनीति बनाई है। उनका कहना है कि मतदान के समय राजनीतिक पार्टियां वोट मांगने के लिए पहुंच जाती हैं, लेकिन उसके बाद कोई भी सुध लेने के लिए नहीं पहुंचता। उनका कहना है कि अब ऐसे हालात को देखते हुए वे पूरी तरह से चुनावों को बहिष्कार करेंगे।

आदिवासियों जैसा जीवन

भाजपा और कांग्रेस इस बार विकास के नाम पर वोट मांग रहे हैं, और धर्मशाला के संपूर्ण विकास की बात भी कर रही है। बाकायदा दो-टू-डोर कैंपेनिंग भी की जा रही है, लेकिन नगर निगम धर्मशाला के वार्ड नंबर दो मकलोडगंज में हेनी व आसपास के करीब आधा दर्जन क्षेत्रों के लोगों ने आज के समय में भी आदिवासियों की तरह जिंदगी व्यतीत करने की बात कही है।