आबादी देह जमीन पर नाजायज कब्जा हटाने की अक्षमता पर बिफरे
सुंदरनगर – पूर्व प्रशासक, कानूनी सलाहकार और हिप्पा में राजस्व नियमों को पर व्याख्यान देने वाले बीआर कौंडल ने बताया कि उन्हें एक शिकायतकर्ता से पत्र प्राप्त हुआ है। जिसमें पत्र संख्या टीडीआर/बल्ह /रीडर -एनटी 2019 -3131 जिसमें नायब तहसीलदार बल्ह ने आबादी देह में कब्जा नाजायज हटाने से अपनी अक्षमता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि इस विषय पर उन्होंने स्वयं अधिकतर राजस्व अधिकारियों को हिप्पा में समय समय पर प्रशिक्षण के दौरान स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा कि भू-राजस्व अधिनियम-1954 की धारा 163 के तहत तीन किस्म की भूमि से कब्जा नाजायज हटाया जाता है। जिसमें पहली किस्म सरकारी भूमि, दूसरी किस्म आबादीदेह (साइट ऑफ ए विलेज ) तो तीसरी किस्म में शामलात भूमि आती है। उन्होंने नायब तहसीलदार बल्ह के पत्र को ही गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता की आबादीदेह पर हुए नाजायज कब्जे की मिशल हर हाल में बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं करने पर हिमाचल प्रदेश प्रीवेंशन ऑफ स्पेशफिक क्रप्ट प्रेक्टिस एक्ट -1983 की धारा – 30 के तहत राजस्व अधिकारी पर फौजदारी का मामला दर्ज हो सकता है । इस मामले में भी मुकदमा दायर हो सकता है। उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश सरकार को इस बारे में अवगत करवाया जाएगा। वहीं इस बारे में नायब तहसीलदार बल्ह जयमल चंद ने बताया कि आबादीदेह जमीन पर कोई नाजायज कब्जे की मिशल नहीं बनती है। इस बारे में एडीएम मंडी श्रवण मांटा ने नायब तहसीलदार के पत्र सहमति जताई।