नाहन केंद्रीय आदर्श कारागार में मनाया करवाचौथ

भला है-बुरा है, मेरा पति मेरा देवता है बाक्य को किया साबित

नाहन –भला है-बुरा है जैसा भी है मेरा पति मेरा देवता है। यह बाक्य गुरुवार को उस वक्त चरितार्थ हुआ जब हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों से करीब 10 महिलाएं करवाचौथ के व्रत के चलते अपने पति से मिलने केंद्रीय आदर्श कारागार नाहन पहुंची। विभिन्न संगीन अपराधों में सजा काट रहे बंदियों के अपराध समाज की परंपराओं के आगे फीके पड़ गए। सुहागिनें अपने आपको मीलों दूर रहकर भी रोक नहीं पाई तथा अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए नाहन पहुंच गई। सैकड़ों मील का सफर तय करने के बाद गुरुवार को करीब 10 महिलाएं अपने पति से मिलने केंद्रीय आदर्श कारागार पहुंची। इसके अलावा जेल में सजा काट रही 12 महिला बंदियों में से केवल एक महिला बंदी से मिलने उनका पति भी नाहन जेल मिलने पहुंचा। केंद्रीय आदर्श कारागार नाहन द्वारा करवाचौथ के अवसर पर पति-पत्नी के मिलने के लिए, जहां विशेष व्यवस्था की गई थी, वहीं जेल अधीक्षक जय गोपाल लोदटा द्वारा पूजा-अर्चना की भी विशेष व्यवस्था स्वयं की गई। इस दौरान जेल अधीक्षक ने पूजा के लिए थाली, करवा, नारियल, मिठाई व चूडि़यां भी उपलब्ध करवाई। जेल में कुछ पलों के लिए माहौल बेहद ही दिल को छूने वाला हो गया था। अपने पति से मिलने पहुंची महिलाएं जहां खुलकर अपने पति से बातें कर रही थी तो वहीं जेल प्रशासन द्वारा उपलब्ध करवाई गई पूजा की सामग्री से महिलाओं ने अपने पति के पूजा की तथा उनके चरण स्पर्श कर सुहागिन रहने का आशीर्वाद प्राप्त किया। गौर हो कि केंद्रीय आदर्श कारागार नाहन में वर्तमान में 505 पुरुष कैदी हैं तथा 12 महिला कैदी व विदेशी भी शामिल हंै। जेल अधीक्षक नाहन जय गोपाल लोदटा ने बताया कि करवाचौथ को देखते हुए प्रदेश सरकार के कारागार एवं सुधारात्मक सेवाओं के महानिदेशक सोमेश गोयल के मार्गदर्शन के बाद जेल में सजा काट रहे कैदियों को मिलने आने वाली उनकी पत्नियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। बकायदा जेल विभाग द्वारा निर्धारित समय पति-पत्नी को मिलने के लिए दिया गया। इस दौरान पूजा की भी व्यवस्था की गई थी। जेल अधीक्षक ने बताया कि देर शाम से चांद निकलने के बाद पूजा की व्यवस्था भी की गई तथा महिला बंदी को चांद के दीदार की भी व्यवस्था जेल प्रशासन द्वारा की गई। गौर हो कि केंद्रीय आदर्श कारागार नाहन प्रतिवर्ष करवाचौथ के अलावा अन्य अवसरों पर मिलने की विशेष व्यवस्था करती है। इसमें करवाचौथ, रक्षाबंधन, भैयादूज के अलावा दीपावली व अन्य त्योहार भी शामिल हैं। जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल प्रशासन प्रयास करता है कि विभिन्न प्रकार के अपराध में सजा काट रहे बंदियों के तनाव को कम करने के लिए उन्हें विभिन्न प्रकार के कार्यों में व्यस्त रखा जाए।