निर्जला व्रत…संतान की मांगी लंबी उम्र

By: Oct 22nd, 2019 12:20 am

अहोई माता की पूजा-अर्चना कर मांगी मुरादें, माताओं ने तारे देखकर खोला व्रत

घुमारवीं –संतान के बेहतर स्वास्थ्य व लंबी आयु के लिए सोमवार को माताओं ने अहोई अष्टमी का निर्जला व्रत रखा। सारा दिन भूखी-प्यासी रहकर माताओं ने शाम को तारे देखकर व्रत को खोला। शाम के समय महिलाओं ने शुभ मुहूर्त पर अहोई माता की पूजा-अर्चना की। महिलाओं ने अहोई स्वरूपा मां पार्वती का पूजन कर संतान की लंबी उम्र व बेहतर स्वास्थ्य की कामना की। जानकारी के मुताबिक पति की लंबी उम्र की कामना के लिए रखे जाने वाले करवाचौथ के व्रत के चौथे दिन महिलाएं अहोई अष्टमी का व्रत रखती हैं। यह व्रत माताएं अपनी संतानों की लंबी उम्र व बेहतर स्वास्थ्य के लिए रखती हैं। सोमवार को माताओं ने अहोई अष्टमी पर सुबह से लेकर शाम तक निर्जला व्रत रखा। महिलाओं ने रात के समय तारों को देखकर इस व्रत को खोला। पुराणों के अनुसार अहोई अष्टमी के व्रत को संतान से जोड़कर देखा जाता है और इस व्रत को करने से संतान संबंधी सभी परेशानियां दूर हो जाती है। बताया जाता है कि अहोई अष्टमी का व्रत संतान सुख व संतान की समृद्धि के लिए करते हैं। इस दिन निःसंतान दंपति भी संतान प्राप्ति की कामना के साथ यह व्रत करते हैं। दरअसल, इस दिन लोग देवी पार्वती के अहोई स्वरूप से अपनी संतान की सुरक्षा, लंबी आयु, उसके अच्छे स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। अहोई व्रत पूजा विधिअहोई अष्टमी के दिन औरतें अहोई माता का चित्र बनाकर उसे दीवार पर लगाती हैं। एक बच्चे का चित्र भी बनाया जाता है। एक पानी से भरे कटोरे को माता के चित्र के सामने रखा जाता है। कटोरे पर स्वास्तिक का निशान बनाया जाता है। पानी के साथ-साथ माता को चावल और दूध का चढ़ावा भी अर्पण किया जाता है। गेहूं से भरी थाली भी माता के चित्र के सामने रखी जाती है। पुरियां, हलवा व चने का प्रसाद माता को अर्पण किया जाता है। अहोई अष्टमी व्रत कथा परिवार के सामने पढ़ी जाती है। कथा समाप्त होने के बाद परिवार के सदस्यों में प्रसाद बांटा जाता है। यह व्रत खासतौर पर उत्तर प्रदेश, दिल्ली,  हरियाणा, मध्यप्रदेश व राजस्थान में रखा जाता है। लेकिन, हिमाचल प्रदेश में भी माताएं इस व्रत को हर्षोल्लास से रखती हैं तथा अपनी संतान की लंबी आयु व बेहतर स्वास्थ्य की कामना करती हैं। कुछ महिलाएं इस व्रत को संतान प्राप्ति के लिए भी रखती हंै।  

इस साल बना एक अद्भुत योग

पंडित दीपक शर्मा के मुताबिक इस साल माता पार्वती के पति शिव को समर्पित दिन सोमवार को अहोई अष्टमी पड़ने से एक अद्भुत योग बना है। सोमवार होने से इस बार इस दिन माता पार्वती की अपने भक्तों पर विशेष अनुकंपा बनी रही।


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