पर्यटकों के लिए खुली सबसे ऊंची रणभूमि

By: Oct 22nd, 2019 12:06 am

नई दिल्ली – लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद केंद्र सरकार ने वहां पर्यटन बढ़ाने के उद्देश्य से बड़ा निर्णय लेते हुए दुनिया के सबसे ऊंचे रणक्षेत्र सियाचिन को पर्यटन के लिए खोल दिया है। यह पहला मौका है जब भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव का केंद्र रहे इस दुर्गम, बर्फ से ढके रहने वाले और सामरिक रूप से महत्त्वपूर्ण क्षेत्र को पर्यटकों के लिए खोला गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को पूर्वी लद्दाख में श्योक नदी पर बनाए गए कर्नल चेवांग रिनेचेन ब्रिज को राष्ट्र को समर्पित किए जाने के बाद यह घोषणा की। श्री सिंह ने ट््वीट किया कि लद्दाख में पर्यटन की बहुत अधिक संभावना है। बेहतर संपर्क साधनों के बाद यहां पर्यटकों की संख्या निश्चित रूप से बढ़ेगी। सियाचिन क्षेत्र अब पर्यटकों और पर्यटन के लिए खुला है। सियाचिन बेस से कुमार पोस्ट तक पूरे क्षेत्र को पर्यटन के लिए खोल दिया गया है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने गत पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को लद्दाख और जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। श्री सिंह ने कहा कि इस ब्रिज को रिकार्ड समय में तैयार किया गया है और इसके कारण क्षेत्र के लोग अब हर मौसम में क्षेत्र में आ-जा सकेंगे। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्र में होने के कारण यह ब्रिज सामरिक रूप से भी महत्त्वपूर्ण है। श्री सिंह ने एक अन्य ट््वीट में कहा कि भारत के चीन के साथ सौहाद्रपूर्ण संबंध हैं। सीमा को लेकर दोनों देशों के बीच अवधारणा से संबंधित कुछ मुद्दे हैं, लेकिन इसे हमेशा परिपक्वता और जिम्मेदारी के साथ सुलझाया गया है। दोनों देशों ने कभी भी स्थिति को हाथ से नहीं निकलने दिया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और यह उसका आंतरिक मामला है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ महाबलीपुरम में बैठक के दौरान कश्मीर का उल्लेख नहीं किया। उन्होंने कहा कि चीन का हाल ही में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के बारे में दिया गया बयान भी महत्त्वपूर्ण है। इससे पहले सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बनाए गए ब्रिज का उद्घाटन करने के मौके पर रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार सीमा पर ढांचागत सुविधाओं को मजबूत बनाने और देश की शांति तथा स्थिरता को प्रभावित करने वाले किसी भी खतरे से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए सीमाओं पर मजबूती समय की मांग है। सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास सरकारी की योजना में प्राथमिक है और इस ब्रिज को एक रणनीति के तहत बनाया गया है। इस सेतु को सरकार के सकारात्मक बदलाव के संकल्प का प्रतीक बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि यह न केवल डरबक को सामरिक रूप से महत्त्वपूर्ण क्षेत्र दौलत बेग ओल्डी से जोड़ता है, बल्कि लद्दाख के लोगों और जम्मू-कश्मीर के आंतरिक इलाकों को भी शेष देश से जोड़ता है। अब इस क्षेत्र के लोग भी देश की विकास गाथा का हिस्सा बनेंगे।


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