पोलन ने अस्पताल पहुंचाए 20 लोग

By: Oct 7th, 2019 12:02 am

देवदार के पेड़ परोस रहे बीमारी; शिमला-कुल्लू में अस्थमा, एलर्जी ने जकड़े

शिमला –देवदार के पेड़ों से झड़ने वाला पोलन स्वास्थ्य के लिए घातक बनने लगा है, जिसमें कुल्लू और शिमला से सबसे ज्यादा मामले आने लगे हैं। जिला स्तर पर इन दोनों अस्पतालों में लगभग 20 हिमाचली इसके शिकार हो गए हैं, जिसमें चार लोगों को अस्थमा अटैक पड़ने की सूचना है। इसमें तीन मरीज आईजीएमसी आए हैं और एक रिप्पन से आया है। वहीं कुल्लू के भी एक मरीज को पोलन से अस्थमा अटैक होने की सूचना है। इस बात को विशेषज्ञ भी मानते हैं कि इस मौसम में पोलन सबसे ज्यादा झड़ता है और सांस के रोगियों को इससे सबसे ज्यादा परेशानी होती है। अभी दस दिनों के रिकार्ड पर गौर करें, तो दोनों जिलों के जिला अस्पतालों में दस मरीज पोलन एलर्जी की वजह से डाक्टर के पास इलाज के लिए आए हैं। वहीं आईजीएमसी में अस्थमा अटैक प्रभावितों के मामले भी आए हैं। आईजीएमसी के डा. प्रवीण का कहना है कि पोलन के कारण एलर्जी के मामलों का ग्राफ अधिक रहता है, जिसमें मरीजों को पहले से सतर्कता बरतनी चाहिए। वहीं प्रदेश में स्क्रब के मामलों में भी कमी नहीं आ रही। शनिवार और रविवार को स्क्रब के मामले भी आए हैं, जिसमें तीन मामले पाजिटिव हैं और वहीं दो अन्य मामले डेंगू के सामने आए हैं। देखा जाए तो शिमला, मंडी में स्क्रब का ग्राफ बढ़ने लगा है, वहीं अब पोलन एलर्जी के मामले भी आने लगे हैं। अभी यह भी देखा जा रहा है कि मंडी से आने वाले सबसे ज्यादा मामलों की आईजीएमसी आकर स्क्रब टायफस होने की पुष्टि हो रही है, जिस पर आईजीएमसी विशेषज्ञों ने हैरानी जताई है कि जब मंडी में भी स्क्रब टायफस क ा टेस्ट होता है, तो प्रभावित आईजीएसमी क्यों आ रहे हैं। रविवार को एक और मामला मंडी से स्क्रब प्रभावित का आया है। विशेषज्ञों की मानें, तो बुखार प्रभावितों का समय रहते  टेस्ट किया जाना आवश्यक है,  खासतौर पर ऐसे समय पर जब स्क्रब टायफस और अन्य बुखार के मामले ज्यादा आ रहे हैं। उधर, पोलन एलर्जी को लेकर डाक्टर्स का कहना है कि जिस चीज से एलर्जी हो, उससे दूर रहना चाहिए।

 

 


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