फिर जिंदा होगा स्वास्थ्य आयोग

By: Oct 23rd, 2019 12:01 am

जयराम सरकार ने लिया फैसला, पुनर्गठन कर बढ़ाई जाएंगी गतिविधियां

शिमला – करीब चार वर्षों से लावारिस पड़े राज्य स्वास्थ्य आयोग को प्रदेश की जयराम सरकार जिंदा करने की तैयारी में है। हालांकि प्रदेश में भाजपा को सत्ता में आए डेढ़ साल से अधिक का कार्यकाल पूरा हो चुका है, लेकिन अभी तक एक भी बैठक नहीं हुई। अब प्रदेश सरकार स्वास्थ्य आयोग की गतिविधियों को बढ़ाने जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य आयोग का पुनर्गठन होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग इस मसले पर उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा के बाद अंतिम फैसला करेगा। प्रदेश की सत्ता में आते ही जयराम सरकार स्वास्थ्य आयोग भंग करने पर विचार कर रही थी। अब ऐसा नहीं होगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में पूरे मापदंड तय करने के लिए पूर्व की वीरभद्र सरकार ने स्वास्थ्य आयोग का गठन किया था, लेकिन वर्तमान में यह लावारिस बन कर रह गया है। उल्लेखनीय है कि स्टेट हैल्थ कमीशन की पहली रिपोर्ट अक्तूबर 2015 में आई थी। उसके बाद पूर्व की कांग्रेस सरकार विधानसभा चुनावों में व्यस्त रही और दूसरी रिपोर्ट भी तैयार नहीं की थी। यहां तक कि प्रदेश में खुलने वाले स्वास्थ्य केंद्रों सहित अन्य संस्थानों के लिए आयोग में मापदंड तय किए गए थे। स्वास्थ्य मानकों का स्तर बढ़ाने एवं गुणात्मक सुधार लाने तथा स्वास्थ्य केंद्रों को अपग्रेड करने के लिए भी कमीशन में पैरामीटर तय किया गया था। ऐसे में आने वाले दिनों में प्रदेश सरकार स्वास्थ्य आयोग का पुनर्गठन कर नए सिरे से आयोग को शक्तियां देगी। बताया गया कि प्रदेश में चल रहे सभी निजी मेडिकल कालेज सहित नर्सिंग कालेज पर निगरानी भी स्वास्थ्य आयोग करेगा। इसके साथ-साथ स्वास्थ्य संस्थानों में गुणात्मक सुधार के लिए पैरामीटर भी तय होना है।


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