फेस्टिवल सीजन में सोलन सिटी प्यासी

शहर में अभी सप्लाई के पटरी पर लौटने की उम्मीद कम, आईपीएच महकमे ने तेज की कसरत

सोलन –त्योहारों के इस सीजन में सोलनवासियों को पेयजल की भारी किल्लत से दो-चार होना पड़ रहा है। शहर के अधिकतर भागों में लोगों को करीब एक सप्ताह से पानी की सप्लाई नहीं मिल पाई है, जिससे शहर में पेयजल संकट गहराने लगा है। शहर में पानी की अमूमन काफी कमी रहती है, वहीं गिरि पेयजल योजना में आई विद्युत खराबी और अश्विनी पेयजल योजना में आई दिक्कतों के चलते रुकी लिफ्टिंग ने इस कमी को और अधिक बढ़ा दिया है। आलम यह है कि शनिवार को नप के स्टोरेज टैंकों तक केवल चार लाख गैलन पानी ही पहुंच पाया है, जिसे शहर के विभिन्न हिस्सों में वितरित तो किया गया है, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। हालांकि आईपीएच विभाग द्वारा गिरि परियोजना में शुक्रवार शाम से दो मोटरों को तो चला दिया गया है, लेकिन तीसरी मोटर के सुचारू न चल पाने के कारण अभी शहरवासियों को आगामी एक-दो दिनों तक इस कमी से जूझना पड़ सकता है। सुचारू लिफ्टिंग न हो पाने के कारण रविवार व सोमवार को भी लोगों को पानी की सप्लाई मिलना कठिन दिखाई दे रहा है। उल्लेखनीय है कि करीब एक सप्ताह पूर्व गिरि पेयजल योजना में आई विद्युत खराबी पूरी तरह रुक गई थी। बता दें कि गिरि पेयजल योजना शहर को पानी सप्लाई की सबसे बड़ी योजना है। इस योजना में पैनलों के जले पुर्जों को दिल्ली से मंगवाया गया और विद्युत खामियों को ठीक कर आईपीएच द्वारा शुक्रवार शाम को इस योजना को फिर से आरंभ किया गया। वहीं, शनिवार को भी कार्य जारी रहा ताकि तीसरी मोटर को स्टार्ट किया जा सके। हालांकि दोपहर बाद तक भी तीसरी मोटर को चलाया नहीं जा सका, जिससे पानी की पर्याप्त लिफ्टिंग पर संकट मंडराया हुआ है। ऐसे में आने वाले एक-दो के भीतर पेयजल सप्लाई सामान्य होने पर संशय बना हुआ है। उधर, शहर में पेयजल सप्लाई का जिम्मा संभालने वाली नगर परिषद ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। पर्याप्त सप्लाई न मिल पाने के कारण नप भी पेयजल को लेकर असमर्थता जता रही है।

मौके पर डटे रहे एक्सईएन सुमित सूद

दो मोटरों से पर्याप्त लिफ्टिंग न हो पाने के चलते शनिवार को आईपीएच सोलन के अधिशाषी अभियंता सुमित सूद ने खुद मोर्चा संभाला और तीसरी मोटर को चलाने के प्रयास आरंभ किए। वे स्वयं मौके पर डटे रहे और कर्मचारियों को दिशा-निर्देश देते रहे ताकि जल्द से जल्द पानी की लिफ्टिंग को सुचारू कर लोगों को राहत पहुंचाई जा सके। देश व दुनिया के 70 से ज्यादा संस्थानों के 5000 छात्र-छात्राएं दिखा रहे अपनी प्रतिभाएं