बंदर…दो हजार कनाल जमीन बंजर

By: Oct 21st, 2019 12:20 am

भोरंज की नौ पंचायतों ने लावारिस पशुओं के डर से खेत छोड़ दिए खाली, किसानों ने लगाई मदद की गुहार

भोरंज –भोरंज उपमंडल में दो गोसदन होने के बावजूद लावारिस पशुओं की तादाद कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है। फसलों पर इनके टूटते कहर ने किसानों की कमर तोड़ दी है। आलम यह है कि जाहू, मुंड़खर, भलवाणी, धमरोल, भुक्कड़, अमरोह कक्कड़ बडैहर व धिरड़ सहित करीब नौ पंचायतों में करीब दो हजार कनाल भूमि पर किसानों ने बिजाई करना छोड़ दिया। इससे यह उपजाऊ भूमि बंजर बन हो गई है। पशुओं को लावारिस छोड़ने वाले लोगों के खिलाफ  कोई कार्रवाई न होने से किसानों में सरकार व प्रशासन के खिलाफ  रोष बढ़ता जा रहा है। भोरंज उपमंडल के एक दर्जन पंचायतें सीर और सुनैहल खड्ड के किनारे हैं। इन खड्डों में सालभर पानी रहने की वजह से लावारिस पशुओं की झूंड इनके किनारे दिनभर लगे रहते हैं। इन पंचायतों की भूमि गेहूं, धान व मक्की की फसल की उत्पादकता के लिए मशहूर है। सबसे ज्यादा किसान जाहू पंचायत के परेशान हैं। मुंडखर में बने पुल से लेकर जाहू में सुनैहल खड्ड तक करीब आठ सौ कनाल भूमि बंजर बन चुकी है। इसी तरह मुंडखर पंचायत की करीब दो भूमि सौ कनाल भूमि लावारिस पशुओं के नुकसान से बंजर हो चुकी है। धमरोल पंचायत में धमरोल गांव के पास करीब तीन सौ कनाल भूमि तीन साल से बिना बिजाई से बंजर बन गई है। इस भूमि पर करीब 50 से 60 लावारिस पशु हर रोज देखे जा सकते हैं। धिरड़, कक्कड, भुक्कड़ व अमरोह पंचायत की करीब पांच सौ कनाल भूमि पर किसानों ने लावारिस पशुओं डर से खेतीबाड़ी करनी छोड़ दी है। खेतों की बिजाईए खाद व बीज से पैसे भी न निकलने की वजह से किसानों इस काम से पीछे हटने लगे हैं। इससे भोरंज उपमंडल में दो हजार भूमि लावारिस पशुओं की वजह से बंजर बन चुकी है। अगर लावारिस पशुओं की संख्या में कमी नहीं हुई तो किसानों को अनाज व पशुचारे की समस्या शुरू हो जाए। इसके लिए सरकार व प्रशासन ही जिम्मेदार हैं। किसानों का कहना है कि किसान अनाज के लिए डिपुओं और दुकानों पर निर्भर हो गए हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि लावारिस पशुओं की समस्या के निजात के लिए स्थायी नीति बनाई जाए। लावारिस पशुओं की बढ़ती तादाद से लोगों की आवाजाही काफी रिस्की होकर रह गई है।  लोगों में भोरंज के प्रधान गरीब दास, ग्राम पंचायत प्रधान हनोह कांता, उपप्रधान हुकम, रतन, रमित, यशवंत, विनय, राजू, टेक चंद, संजीव, धर्म, बलबीर, संजय,भरेडी के व्यापार मंडल के प्रधान अरुण, सचिव कर्म चदं सहगल, बलबीर, संजय, नीलम, अनूप, राजेश, सोनू, कमलु,  किसान उद्यम, कर्म चंद, सुरजीत, चमेल, कांशी, कमलदेव, चिरंजी लाल, सुरेंद्र, शक्ति, बलदेव, सुंदर, बंशी, धर्म, वीर, खजाना, धर्मपाल डोगरा, दलीप, मुंशी, रतन, सुरेश , पवन, कृष्ण, अजय, रमेश, प्रकाश, व्यासां, सिमरो, कर्मी व कांता का कहना है कि लावारिस पशुओं की वजह से खेती की बिजाई करना छोड़ दिया है।


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