बदलेंगे मत्स्य पालन के नियम

By: Oct 13th, 2019 12:01 am

प्रदेश में दो महीने ही बंद होगा मछली का शिकार

शिमला – हिमाचल प्रदेश में मत्स्य पालन को लेकर नियमों में संशोधन किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार इन नियमों का संशोधित खाका तैयार किया जा चुका है, जिसे कानून विभाग की स्वीकृति भी मिल गई है। जल्द ही इसे केबिनेट के सामने रखा जाएगा, जिसके बाद नए नियम प्रदेश में लागू कर दिए जाएंगे। संशोधित नियमों में सबसे प्रमुख मछली के आखेट पर लगने वाले प्रतिबंध का समय है। बताया जाता है कि वर्तमान में अढ़ाई महीने के अंतराल तक मछली का शिकार करने पर पाबंदी रहती है, जिसे कम करके दो महीने किया जा रहा है। यह समय दो महीने से कम भी हो सकता है, क्योंकि यहां पर मानसून का शेड्यूल भी अब लगातार कई साल से बदलता जा रहा है। मानसून में विलंब हो रहा है, जिस वजह से प्रतिबंध का समय भी बदलने की सोची गई है। पहले पहली जून से 31 जुलाई तक मछली के आखेट पर प्रतिबंध रहता था, जिसे इस बार बढ़ाकर अढ़ाई महीने का कर दिया गया, जो कि 15 अगस्त तक चला। अब प्रपोजल है कि 16 जून से यह प्रतिबंध 15 अगस्त तक चले। इसमें शुरुआत में 15 दिन की देरी की जाएगी। इसके अलावा मछुआरों को दिए जाने वाले लाभ व उनके लाइसेंस आदि के नियमों में भी कुछ संशोधन किए जा रहे हैं, जिन पर लोगों से आपत्तियां व सुझाव भी मांगे गए थे। इस खाके को केबिनेट के सामने लाया जाएगा। बता दें कि प्रदेश में 13 हजार ऐसे पंजीकृत मछुआरे हैं, जो कि रिवर बेसिन पर मछली पकड़ने का काम कर रहे हैं। इनके अलावा 5500 मछुआरे रिजवार्यर में पंजीकृत हैं, जो कि वहां पर काम करते हैं। मछली से इनकी रोजी-रोटी चलती है और यह एक बड़ा कारोबार है। खासकर गोबिंद सागर व पौंग में यह बड़ा कारोबार है। इसके अलावा भी नदी बेसिन में लोग मछली पकड़कर अपनी आजीविका कमा रहे हैं।


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