बिना खरीददारी लौट रहे लोग

कुल्लू – अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में इस बार बाहरी राज्यों से आए व्यापारी काफी अधिक हताश हुए हंै। व्यापारियों की मानंे तो दशहरा संपन्न होने के बाद भी वे अच्छा कारोबार नहीं कर पाए हैं, जिस कारण उन्हें आर्थिक तौर पर भारी नुकसान हुआ है। व्यापारियों की मानें तो खरीददारी करने वालों की संख्या इस बार बेहद कम है। मेले में आने वाले लोग मेला देखकर लौट रहे हैं। लेकिन खरीददारी जैसे पहले हुआ करती थी, वैसी इस बार नहीं हो रही है। हर साल मेले में अपनी गर्म कपड़ों की रैग्ज मार्केट में दुकान लगाने वाली नीलम की मानें तो अभी तक उनका वह सामान ही अच्छे से नहीं बिक पाया है, जिसे उन्होंने पहले ही दिन बेचने के लिए खोला था। वहीं, अभी तक अधिकतर सामान यूं ही बंद पड़ा है। इस बार प्लाट का जो खर्चा हुआ है, उसे भी अभी तक निकाल नहीं पाए हैं। दशहरा संपन्न होने के बाद कारोबार रफ्तार पकड़ता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पा रहा है। अभी तक सभी व्यापारी कारोबार न होने को लेकर काफी परेशान हैं। अगर ऐसा ही रहा तो अगले वर्ष से व्यापारी भी दशहरे में आना कम कर देंगे। यही नहीं इस बार जैसी भीड़ बाजारों में देखने को मिलती थी, वैसी इस बार नहीं दिख रही है। जिस रैग्ज बाजार में भारी भीड़ रहती थी,  वह भी इस बार खाली है। वहीं, प्रदर्शनी मैदान में भी इस बार खाने के अधिकतर स्टॉल बंद हो चुके हंै। कारोबारी अपना सारा सामान लेकर अपने अपने रेस्तरां की ओर लौट गए हंै। इन दिनों प्रदर्शनी मैदान में लगे खाने के स्टॉल में केवल लोकल व्यंजन सिड्डू, मोमो, कचौरी सहित अन्य कुछ ही चीजें खाने के लिए मिल पा रही हैं। वहीं, इस बार तंबोला खेलने वालों की रुचि भी कम देखने को मिली है। दशहरा संपन्न होने के बाद जिस तरह की भीड़ यहां रहती थी, वह पिछले साल के मुकाबले में बेहद कम है। दशहरे के दौरान लगे चार डोम की भी यही स्थिति है। जिस डोम में खरीददारों की भीड़ रहती थी। वहां पर भी व्यापारी ग्राहकों के आने का इंतजार करते रहते हैं। हर व्यापारी की एक ही बात है कि इस बार वह अपने प्लाट का भी खर्चा नहीं निकाल पाए हैं। व्यापारियों की मानंे तो दिवाली तक उनकी अस्थायी दुकानें ढालपुर में रहंेगी। ऐसे में अगले त्योहार तक वे अच्छा कारोबार कर सकें। ऐसे में सस्ते दामों में ही वे अपने सामान को बेच रहे हैं।