बीज को दर-दर की ठोकरें खा रहे किसान

बिझड़ी में खेतिहरों को करना पड़ रहा दिक्कतों का सामना, सरकारी योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ

बिझड़ी –पूरे साल मेहनत कर अनाज उपलब्ध करवाने वाला अन्नदाता किसान सबसिडी पर मिलने वाले बीजों के लिए दर-दर भटक रहा है। कहने को तो कृषि विभाग व सरकार द्वारा किसानों की बेहत्तरी के लिए अनेक योजनाएं चलाने के अलावा सबसिडी भी प्रदान की जाती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जानकारी मुताबिक विकास खंड बिझड़ी के किसान समय पर बीज न मिलने को लेकर परेशान हैं। किसानों के मुताबिक कृषि विक्रय केंद्रों पर स्टॉक उपलब्ध न होने व रेट फिक्स न होने की बात कहकर उन्हें खाली हाथ लौटाया जा रहा है। विकास खंड कार्यालय बिझड़ी में स्थापित कृषि विक्रय केंद्र में किसान गेंहू, जौ व बरसीन के बीज लेने के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन किसानों को लंबी भागदौड़ के बाद केवल बरसीन के बीज ही मिल पा रहे हैं। गेहंू के बारे में पूछने पर रेट घोषित न होने की बात कही जा रही जबकि जौ स्टॉक में ही उपलब्ध नहीं बताया जा रहा है। किसानों का कहना है कि लगभग पांच दिन पहले जब वे बीज खरीदने पहुंचे तो उन्हें सबसिडी न आने की बात कही गई जबकि अब जौ का स्टॉक खत्म बताया जा रहा है। इसी तरह महारल के विक्त्रय केंद्र पर जब किसान पहुंचे, तो उन्हें गेंहू के बीज स्टॉक होने के बावजूद नहीं दिए जा रहे हैं। क ारण पूछने पर सेल्जमैन द्वारा रेट निर्धारित न होने की बात कही जा रही है। इससे साफ है कि सस्ते मंे दामों पर किसानों को बीज उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। कड़ी मशक्कत व भागदौड़ के बाद भी अगर किसान खाली हाथ घर लौटेंगे, तो उनकी स्थिति समझी जा सकती है। वहीं उच्च अधिकारियों व कर्मचारियों के विरोधाभासी बयानों से किसान और भी असमंजस में पड़ रहे हैं। निदेशक प्रदेश कृषि विभाग आरके कौंडल के अनुसार सबसिडी के रेट निर्धारित किए जा चुके हैं। अगर किसी कंेद्र पर किसानों को समस्या आ रही है, तो छानबीन की जाएगी।