बैंक कर्मचारियों की हड़ताल रहेगी बेअसर

22 अक्तूबर की कॉल पर एसबीआई का दावा

नई दिल्ली – सरकारी बैंकों के विलय के खिलाफ दो बैंक यूनियनों द्वारा 22 अक्तूबर को एक दिवसीय हड़ताल पर देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि एसबीआई पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने अपने ग्राहकों को चेतावनी दी है कि इस दिन बैंक का कामकाज पूरी तरह प्रभावित हो सकता है। 22000 शाखाओं के साथ एसबीआई देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है, जबकि विजया बैंक तथा देना बैंक के विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा तीसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन गया है। एसबीआई ने शेयर बाजार को एक सूचना में कहा कि बैंक के बहुत कम कर्मचारी ऐसे हैं, जो हड़ताल करने वाले यूनियन का हिस्सा हैं, इसलिए इस हड़ताल का बैंक के कामकाज पर बेहद कम असर पड़ेगा। बैंक ने यह भी कहा है कि प्रस्तावित हड़ताल से कितने का नुकसान होगा उसका अभी आकलन नहीं किया जा सकता है। वहीं, दूसरी तरफ बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा है कि वह हड़ताल के दिन अपनी तमाम शाखाओं और कार्यालयों में कामकाज सामान्य करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है। बीओबी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हड़ताल होती है तो बैंक के शाखाओं/कार्यालयों का कामकाज पूरी तरह प्रभावित हो सकता है। ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉयी एसोसिएशन तथा बैंक एम्पलॉयीज फेडरेशन ऑफ इंडिया ने इंडियन बैंक्स एसोसिएशन को 22 अक्तूबर को सुबह छह बजे से लेकर 23 अक्तूबर सुबह छह बजे तक हड़ताल करने की जानकारी दी है। बैंक यूनियन 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने के अलावा बैंकिंग सेक्टर में सुधारों तथा बढ़ रहे एनपीए का भी विरोध कर रहे हैं।