भगवान नरसिंह ने बांधा रक्षा सूत्र
अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में बारिश की बौछारों के बीच निकली देवता की जलेब, लोगों में दिखा उत्साह
कुल्लू –अंंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के लिए देवलोक में बदले ढालपुर में उत्सव के दूसरे दिन हल्की बारिश की बौछारों के बीच भगवान नरसिंह की भव्य पहली जलेब यात्रा निकली नरसिंह भगवान की भव्य जलेब में जिला कुल्लू के आराध्य देवता रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह भी पालकी में सवार हुए। नरसिंह भगवान ने जलेब के माध्यम से मैदान के चारों तरफ रक्षा का सूत्र बांधा। ढोल-नगाड़ों की थाप पर महाराजा कोठी के देवताओं के साथ-साथ कारकून और अन्य श्रद्धालु भी नाचे। मान्यता है कि सुख-शांति के लिए यह जलेब निकली गई। जलेब में महाराजा कोठी के देवता जम्दग्नि ऋषि पीज, महावीर जुंगा, पांचवीर, वीरकला लोट, वीरकला कमांद, हुरगू नारायण, पांचवीर आदि देवताओं ने भाग लिया। करीब साढ़े चार बजे के निकाली गई जलेब राजा की चानणी से शुरू हुई। बता दें कि पालकी के दोनों ओर देवताओं के रथ चले तो आगे-आगे देवताओं के नरसिंह भगवान की घोड़ी और वाद्य यंत्र की धुनें गुंजती रहीं। चानणी, अस्पताल सड़क, कालेज चौक, कलाकेंद्र के पीछे होकर जलेब अततः राजा की चानणी के पास ही जलेब संपन्न हुई। अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का मुख्य आकर्षण भव्य जलेब भी है। मुहल्ले उत्सव होने तक प्रतिदिन कुल्लू दशहरा में जलेब निकाली जाएगी। वहीं, देश-विदेश से आए मेहमानों ने भी जलेब का मनमोहक दृष्य देखा। माना जाता है कि आसुरी शक्तियों का प्रभाव दशहरा में सम्मलित हुए देव समाज पर न हो। देवलुओं अनुसार इस जलेब को सुरक्षा घेरा भी कहा जाता है। बता दें कि जैसे ही अठारह करडू की सौह स्थित चानणी से भगवान नरसिंह की जलेब यात्रा शुरू हुई तो बारिश की बौछारें भी शुरू हो गइर्ं। देवता समाज के लोगों का मानना है कि बारिश बिलकुल ठीक हुई, क्योंकि जलेब यात्रा से पहले शुद्धि हुई। बता दें कि ढोल-नगाड़ों की थाप ने जलेब यात्रा में रौनक बढ़ाई और लोग नाचने तक मजबूर हो गए।
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