भयंकर लपटों को बुझाते खत्म हुआ गाड़ी का पानी

By: Oct 20th, 2019 12:20 am

नेरचौक – आपदा प्रबंधन पर यूं तो साल भर कई मॉक ड्रिल की जाती हैं, लेकिन असल में जब कोई घटना घटती है तो आपदा प्रबंधन की पोल खुल जाती है। संसाधनों की कमी भी इसका एक मुख्य कारण है, जिसका उदाहरण नेरचौक में शनिवार को हुए अग्निकांड में देखने को मिला। आग की सूचना मिलने के करीब एक घंटे बाद फायर ब्रिगेड की पहली गाड़ी मौके पर पहुंची। यही नहीं, आग इतनी भीषण थी कि गाड़ी का पानी ही खत्म हो गया। इसके बाद आनन-फानन में सुंदरनगर, पंडोह और सरकाघाट से भी फायर ब्रिगेड की छह गाडि़यां मंगवानी पड़ीं। यही कारण रहा कि आग पर काबू पाने में अग्निशमन विभाग को इतना समय लग गया। इससे मौके पर उपस्थित लोगों में बहुत गुस्सा देखा गया। थोड़ी देर बाद सुंदरनगर से भी अग्निशमन वाहन पहुंचा, लेकिन आग काबू में आने का नाम ही नहीं ले रही थी। इसके बाद चार और अग्निशमन वाहनों को बुलाया गया, तब जाकर पांच बजे कहीं आग पर काबू पाया जा सका। अग्निकांड के बाद लोगों में फायर ब्रिगेड की कार्यप्रणाली को लेकर खासा रोष था। लोगों का कहना है कि कभी भी समय पर फायर ब्रिगेड की गाडि़यां नहीं पहुंचतीं, जब पहुंचती हैं तब तक सब कुछ जलकर राख हो चुका होता है। उन्होंने सरकार व प्रशासन से नेरचौक में फायर आफिस खोलने की मांग की है।  पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी भी तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रशासन और सरकार से प्रभावित परिवार को शीघ्र सहायता प्रदान करने की मांग की। उन्होंने सरकार से शीघ्र नेरचौक में अग्निशमन कंेद्र खोलने के लिए कहा। वहीं उपमंडलाधिकारी बल्ह डा. आशीष शर्मा का कहना है कि आग की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे और पूरी व्यवस्था संभाली। अग्निशमन की छह गाडि़यां आग बुझाने के लिए लगी रही, लेकिन गोदाम में रखा सामान पूरी तरह से जल गया। बिल्डिंग में भी दरारें आ गई हैं, जिससे बिल्डिंग को ढहने का खतरा बना हुआ है। बिल्डिंग को पुलिस सुरक्षा के घेरे में रखा गया है।


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