भीमाकाली का दर होगा जगमग

भीमाकाली मंदिर सराहन दूधिया रोशनी से नहाएगा, अब रात को भी दिन की तरह दिखेगा दिन की तरह भव्य नजारा

रामपुर बुशहर –एक बार फिर उत्तर भारत का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भीमाकाली मंदिर सराहन दुधिया रोशनी से नहाएगा। मां भीमाकाली मंदिर परिसर में करीब पांच लाख रुपये से एलईडी लाइट लगाई गई है। इस लाइट के लगने से अब भीमाकाली मंदिर रात को भी दिन की तरह दिखेगा।  मंदिर न्यास ने हाल ही में एलईडी लाइट लगाने का कार्य पूरा किया है। काफी समय से ये लाइट खराब चल रही थी। 120 फुट की ऊंचाई वाली इस लाइट को ठीक करने वाला न मिलने के कारण ये लाइट पुनः नहीं लग पा रही थी। भीमाकाली मंदिर ट्रस्ट द्वारा काफी खोजबीन के बाद दिल्ली से इस कार्य मे माहिर लोगों को लाया गया। जिसके बाद इस लाइट को पुनः लगाया गया। काफी मशक्कत के बाद इस लाइट को लगाने का काम पूरा किया गया। ये काम काफी जोखिम भरा होने के कारण ट्रस्ट प्रबंधन की सांसे तब तक थमी हुई थी जब तक इस लाइट को फिक्स कर इस काम मे जुटे व्यक्ति नीचे नहीं उतर गए। गौर हो कि सर्वप्रथम वर्ष 1998 में मां भीमाकाली मंदिर परिसर में करीब सात लाख रुपये की लागत से फ्लड लाइट स्थापित की गई थी। ऊपरी हिमाचल में इतनी ऊंची यह पहली लाइट लगी है। बीते मई माह में यह लाइट क्षतिग्रस्त हो गई थीए जिसके बाद यहां अंधेरा पसर गया था। इसके बाद भीमाकाली मंदिर न्यास ने लाइट को दुरुस्त करने का कार्य शुरू किया, लेकिन 120 फुट ऊंची इस लाइट को स्थापित करने के लिए अंबाला तक संपर्क किया गया, लेकिन कोई कारीगर नहीं मिल पाया। अंत में न्यास को दिल्ली स्थित टोरमेक कंपनी से एलईडी लाईट लगाने का मसला उठाया। दिल्ली की इस कंपनी के मजदूरों ने करीब पांच लाख रुपए की लागत से  एलईडी लाइट लगाने का कार्य करीब दस दिन में पूरा किया। इस लाईट में कुल आठ बल्व लगाए गए हैं।  मंदिर परिसर में एक बार फिर दुधिया रोशनी लगने से पर्यटकों और श्रद्धालुओं ने मंदिर न्यास की सराहना की है। वहीं मंदिर ट्रस्ट प्रबंधन ने कहा है कि अब इन लाइटों की विशेष देखरेख होगी। ताकि फिर से ये लाइटें खराब न हो।