मंडी में जुटे फोरलेन प्रभावित

जिला स्तरीय शिकायत निवारण समिति की बैठक के दौरान बताई दिक्कतें

मंडी –कीरतपुर-मनाली फोरलेन परियोजना के तहत मंडी जिला से जुड़े मामलों के समाधान के लिए गठित जिला स्तरीय शिकायत निवारण समिति द्वारा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने की। उन्होंने फोरलेन प्रभावितों की समस्याओं व शिकायतों की सुनवाई की और संबंधित अधिकारियों को समाधान के लिए जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं के जल्द व स्थायी समाधान के लिए यह समिति हर महीने बैठक करेगी। बैठक में फोरलेन प्रभावितों की सामूहिक समस्याओं से जुड़े विभिन्न मामलों पर विस्तार से चर्चा की गई । इस दौरान फोरलेन संघर्ष समिति व संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने लोगों की समस्याएं रखीं। बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी श्रवण मांटा, कार्यकारी एसडीएम सदर संजय कुमार, एसडीएम बल्ह डॉ. आशीष शर्मा, एसडीएम सुंदरनगर राहुल चौहान, एनएचएआई के अधिकारी, फोरलेन संघर्ष समिति (नागचला से बजौरा) के अध्यक्ष ब्रिजेश महंत, फोरलेन संयुक्त संघर्ष समिति (किरतपुर से नेरचौक) के अध्यक्ष जोगिंदर वालिया, फोरलेन संघर्ष समिति के महासचिव धर्मेंद्र ठाकुर, व्यापार मंडल के सचिव विजय ठाकुर सहित फोरलेन संघर्ष समिति के अन्य पदाधिकारी पंडोह से पवन कुमार, जड़ोल से राजकुमार, महंत चौधरी, निखिल शर्मा सहित अन्य सदस्य व परियोजना में कार्यरत कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

प्रभावित क्षेत्रों में धूल और मिट्टी से दिलाएं निजात

उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने फोरलेन परियोजना के चलते प्रभावित क्षेत्रों में धूल मिट्टी उड़ने से लोगों को हो रही परेशानी का संज्ञान लेते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों को इन क्षेत्रों में नियमित अंतराल पर पर्याप्त मात्रा में पानी का छिड़काव करवाने की उपयुक्त व्यवस्था करने को कहा। निर्देश दिए कि एनएचएआई काम में लगी कंपनियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करंे कि फोरलेन परियोजना के पूरे स्ट्रेच पर आबादी वाले इलाकों में लोगों को धूल मिट्टी उड़ने से होने वाली परेशानी से निजात मिले। 

एनएचएआई साझा करे विस्तृत कार्ययोजना

उपायुक्त ने एनएचएआई अधिकारियों को परियोजना के तहत जिला में कहां-कहां ओवर ब्रिज और बस ठहराव बनने हैं, इसे लेकर बनाई विस्तृत कार्ययोजना को जिला प्रशासन से साझा करने को कहा।  उन्होंने कहा कि इस कार्ययोजना को संघर्ष समिति से भी साझा किया जाएगा, ताकि इसे लेकर सदस्यों के सुझाव मिल सकें। यदि कार्ययोजना से कहीं लोगों को अधिक परेशानी लगे तो इसमें जनहित के अनुरूप बदलाव के लिए एनएचएआई को कहा जाएगा। उन्होंने फोरलेन संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से कहा कि उन सभी मामलों, जिनमें लोगों की जमीन ले ली गई है और उसका मुआवजा भी उन्हें मिल चुका है, लेकिन उस पर खड़े भवन का मूल्यांकन नहीं किया गया, जिस कारण उन्हें उसका मुआवजा नहीं मिला, उनकी सूची प्रशासन को सौंपें।

प्रभावित पंचायतों में बैठक करेंगे एसडीएम

उपायुक्त ने संबंधित एसडीएम को अधिकारियों सहित अपने क्षेत्र में प्रत्येक फोरलेन परियोजना प्रभावित पंचायत में जाकर स्थानीय प्रधान व अन्य पदाधिकारियों व प्रभावित लोगों से बैठक करने के निर्देश दिए। कहा कि बैठक में परियोजना के तहत वहां पुलिया निर्माण कहां प्रस्तावित है, और लोगों की राय में वे कहां बननी चाहिए, इसे लेकर लोगों के सुझाव लें व रिपोर्ट तैयार कर उन्हें सौंपें । एसडीएम प्रभावित पंचायतों मंें लोगों के घरों के रास्ते, हैंडपंप, नालियां, कुहलें, कुंए बंद होने इत्यादि से जुड़ी समस्याओं को लेकर भी जमीनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। उन्होंने एनएचएआई अधिकारियों को यह तय बनाने को कहा कि मौजूदा सड़क के रखरखाव के दृष्टिगत जहां फोरलेन के लिए कटिंग की गई है वहां जल निकासी के लिए सड़क किनारे नालियां बनाई जाएं।