यहां गिफ्ट लेकर आना मना है…

 श्रम विभाग के दरवाजों पर नोटिस चस्पां; गिफ्ट लेकर कोई न करे प्रवेश, कोई अधिकारी न लें उपहार

शिमला –दीपावली के मौके पर अफसरशाही को उपहार देने का सिलसिला सालों से चल रहा है। भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिफ्ट देने की संस्कृति पर सत्ता में आते ही रोक लगा दी थी, लेकिन सरकारी अदारे में यह रोक कामयाब नहीं हो पाई है। आज भी सरकारी दफ्तरों में गिफ्ट लेकर आने वालों की कमी नहीं है और बाकायदा उनका स्वागत भी किया जा रहा है। एक तरफ कई महकमों में उपहार पर उपहार लिए जा रहे हैं तो यहां श्रम एवं रोजगार कार्यालय में उपहार लेने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। वैसे उपहार तो यहां के अधिकारी दफ्तर से बाहर भी ले सकते हैं मगर दफ्तर में उपहार लेकर किसी को भी प्रवेश नहीं करने को कहा गया है। बाकायदा यहां विभाग के मुख्य द्वार व अधिकारियों के कमरों के दरवाजों पर यह नोटिस लगाया गया है, जिसमें कहा गया है कि उपहार लेकर कोई भी कार्यालय में प्रवेश न करे। इसके साथ इसमें यह भी लिखा गया है कि कोई भी अधिकारी व कर्मचारी किसी से भी उपहार न लें। यह सरकारी नियमों की मर्यादा भी है कि अधिकारी या कर्मचारी को उपहार नहीं लेना चाहिए। क्योंकि इसके बदले में उपहार देने वाला भी कोई न कोई गलत काम करवा सकता है। श्रम विभाग के दरवाजों पर चस्पा इस नोटिस के बाद विभागाध्यक्ष की सोच भी साफ दिख रही है कि वह कार्यालय में कार्य संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं, मगर दीपावली के मौके पर लोग एक दूसरे को गिफ्ट देते हैं। एक तरफ श्रम विभाग में इस तरह की रोक है तो दूसरी ओर यहां दूसरे सरकारी विभागों, यहां तक कि राज्य सचिवालय में भी गिफ्ट लाने वालों की कमी नहीं है। बड़े-बड़़े उद्योगों के प्रतिनिधि उपहार लेकर अधिकारियों के पास पहुंच रहे हैं। कोई दफ्तर में आकर उपहार दे रहा है तो कोई घरों में पहुंचकर दीपावली की शुभकामनाएं देने में लगा है। इन दिनों शिमला के सरकारी अदारे में यह देखा जा रहा है कि कौन गिफ्ट लेकर आ रहा है और किसके गिफ्ट में क्या है। घर में परिजन भी शाम को नए से नए गिफ्ट का इंतजार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री की सोच और रोक के बावजूद सरकारी अदारे में यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। दफ्तरों के बाहर गिफ्ट्स से भरे वाहन खड़े हैं और लोगों को हाथों में बड़े-बड़े गिफ्ट।