रंगकर्मी-शिक्षक-कवि रामलाल पुंडीर के निधन पर हर आंख नम

बिलासपुर – रंगमंच के जरिए एक अलग पहचान कायम करने वाले एक अच्छे लेखक एवं साहित्यकार रामलाल पुंडीर अब नहीं रहे। बीते दिन आईजीएमसी मंे उनका निधन हो गया। जैसे ही खबर पता लगी तो बिलासपुर मंे मातम छा गया। बिलासपुर ही नहीं बल्कि पूरे उत्तरी भारत में कला के क्षेत्र में आदरणीय गिने जाने वाले राम लाल पुंडीर लंबे समय से बीमार चल रहे थे। आईजीएमसी शिमला में उपचाराधीन थे। दोपहर तीन बजे के आसपास उन्होंने अंतिम सांस ली। बिलासपुर में उनके निधन की खबर आग की तरह फैल गई। हजारों छात्रों के प्रिय शिक्षक तथा सैकड़ों कलाकारों के चहेते गुरु राम लाल पुंडीर का समाज में अलग ही रुतबा था। करीब 75 के राम लाल पुंडीर बिलासपुर राम नाटक के वास्तविक ध्वजवाहक थे। उन्होंने करीब पांच दशकों तक निःस्वार्थ भाव से श्री राम नाटक समिति की सेवा की। बिलासपुर रंगमंच के लिए यह अपूर्णीय क्षति है। शारीरिक शिक्षक पद से सेवानिवृत्त हुए राम लाल पुंडीर बाद में  भाजपा से जुड़े और वह भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बेहद करीबी थे। श्री राम नाटक समिति के अध्यक्ष नरेंद्र पंडित ने राम लाल पुंडीर के निधन को अपूर्णीय क्षति करार देते हुए बताया कि पुंडीर एक कवि, शिक्षक, नेता, अभनेता और सरल व्यक्तित्व के मालिक थे। वे सदैव दिलों में राज करेंगे। उधर, शनिवार को गोबिंदसागर किनारे लुहणू स्थित मोक्षधाम मंे उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। सैकड़ों नम आंखों ने उन्हें अंतिम विदाई दी।