लाहुल की संस्कृति पर केलांग में मंथन

केलांग-हिमालयन सामाजिक, संस्कृतिक क्रियान्वयन शोध संस्थान एवं हिमाचल प्रदेश राज्य संग्राहालय शिमला द्वारा केलांग के जनजातीय संग्राहालय में लाहुल की सामाजिक एवं संस्कृतिक विरासत पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गुरुवार को किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ विरिष्ठ शिक्षाविद्ध डा. ओसी हांडा ने किया। इस अवसर पर डा. हांडा ने जनजातीय क्षेत्रों के ऐतिहासिक, सामाजिक एवं संस्कृतिक विरासत को संजोने के प्रयासों पर चर्चा करते हुए कहा कि लाहुल-स्पीति में प्राचीन बौद्ध मठ तथा सांस्कृतिक मुल्य यहां की विरासत है ,जो हजारों वर्ष पुरानी है जिन पर  कई विद्वानों द्वार शोध किया गया है व कुछ आज भी इन पर शोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लाहुल-स्पीति में बौद्ध और हिंदू परंपरा के बीच आपसी समानजस्य विश्व के लिए एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि उनके संरक्षण के लिए लोगों में उनके प्रति जागरुकता लाने के लिए इस प्रकार के आयोजनांे की आवश्यकता है। हिमालयन सामाजिक, संस्कृतिक क्रियान्वयन शोध संस्थान के महासचिव नेमचंद ठाकुर ने दो दिवसीय कार्यशाला के बारे में जानकारी दी तथा जनजातीय क्षेत्रों के संस्कृतिक विरासत को संजोने के प्रयासों की चर्चा भी की।