वनों के हक को ग्रामीणों को जताना होगा दावा

By: Oct 24th, 2019 12:20 am

भुंतर -दशकों से जंगली इलाकों के आसपास रह रहे लोगों को अब उनके वनाधिकार पाने के लिए दावा जताना होगा। सरकार घर-द्वार पहुंचकर लोगों से उनके दशकों या सदियों पुराने वनाधिकारों के बारे में पूछेगी और उन अधिकारों को ग्रामीणों के लिए भविष्य में भी सुरक्षित रखेगी। इसके अलावा जिस वन्य भूमि पर ग्रामीणों के किसी भी प्रकार के अधिकार नहीं है, उस पर सरकार भविष्य में अपने अनुसार कोई भी योजना आरंभ करवा सकती है और ग्रामीणों के किसी भी प्रकार के अधिकार यहां पर माने नहीं जाएंगे। लिहाजा, ग्रामीणों को अब सरकार को उनके पुराने हकों के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी जिसके लिए बाकायदा पंचायतों में नियुक्त की गई वन प्रबंधन समिति के पदाधिकारी की ड्यूटी लगाई गई है। मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने रिहायशी ईलाकों के आसपास लगते  जंगलों पर ग्रामीणों के कौन-कौन से पुराने हक व अधिकार है इसका पता लगाने के लिए ग्रामीणों को दावे पेश करने को कहा है। दावों को पेश करने के लिए इस साल के अंत तक अर्थात दिसंबर माह तक का समय दिया गया है। जानकारी के अनुसार इसके तहत ग्रामीणों को जंगली ईलाकों में घास काटने, लकड़ी इकट्ठा करने, ईमारती लकड़ी का प्रयोग करने, रास्तों का प्रयोग तथा अन्य पुराने अधिकारों का डाटा तैयार किया जाएगा। पंचायतों के माध्यम से बनी सभी वन विकास समितियों को इस संदर्भ मंे ड्यूटी सौंपी गई है और एक रजिस्टर तैयार करने को कहा गया है जिसमें बाकायदा ग्रामीणों के हस्ताक्षर किए जाएंगे। जानकारी के अनुसार समिति के प्रतिनिधि हर घर में जाकर उनके साथ लगते जंगलों के प्रयोग पर दावों को जानेगे और उसे रजिस्टर में दर्ज करेंगे। यह रजिस्टर बाद में वन विभाग के माध्यम से सरकार को सौंपा जाएगा। जानकारी के अनुसार अगर किसी ईलाके के ग्रामीण इस अवधि तक अपने दावे पेश नहीं करते हैं तो यहां की वन विभाग की जमीन पर उनके किसी भी प्रकार के पुराने अधिकार नहीं माने जाएंगे और ऐसे में भविष्य में उन्हे जंगल में मौजूद किसी भी प्रकार के संसाधन के प्रयोग की ईजाजत नहीं मिलेगी। साथ ही वन विभाग ऐसे जंगलों के विकास या यहां पर किसी भी प्रकार की गतिविधियों के लिए स्वतंत्र होगा। हाल ही के सरकार ने इस बारे में निर्देश जारी किए हैं और कुल्लू में सभी पंचायत प्रतिनिधियों के लिए बाकायदा एक कार्यक्त्रम का आयोजन किया गया था। इसके बाद पंचायतों ने अब इस पर कार्य करना आरंभ कर दिया है। दियार पंचायत की प्रधान मनोरमा ठाकुर ने बताया कि सभी समितियों को घर-घर जाकर ग्रामीणों के दावे रजिस्टर में दर्ज करवाने को कहा गया है। 


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