शाही अंदाज में निकली नरसिंह भगवान की जलेब

ढोल-नगाड़ों की थाप पर दूसरी जलेब में रूपी के देवी-देवताओं ने बढ़ाई रौनक

कुल्लू – अंंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव की दूसरी जलेब यात्रा में रूपी  घाटी के देवी-देवताओं के साथ-साथ हारियानों ने भाग लिया। ढोल-नगाड़ों की थाप पर हुई परिक्रमा में खास यह रहा कि देवी-देवताओं संग देवलु भी नाचे। भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह भी पालकी में सवार हुए। नरसिंह भगवान ने जलेब के माध्यम से मैदान के चारों तरफ  परिक्रमा की। हर जलेब यात्रा में अलग-अलग घाटी के देवी-देवता भाग लेते हैं। गुरुवार को रूपी  वैली के देवी-देवताओं में जम्दग्नि ऋषि, भृगू ऋषि, चमन ऋषि, लक्ष्मी नारायण, गौतम ऋषि, माता आशापुरी, जम्दग्नि ऋषि, जमलू, मनुऋषि आदि ने भाग लिया। ढोल नगाड़ों की थाप पर महाराजा कोठी के देवताओं के साथ-साथ कारकून और अन्य श्रद्धालु भी नाचे। मान्यता है कि सुख-शांति के लिए यह जलेब यात्रा निकली। करीब साढ़े चार बजे निकाली गई जलेब राजा की चानणी से शुरू हुई। बता दें कि पालकी के दोनों ओर देवताओं के रथ चले तो आगे-आगे देवताओं के नरसिंह भगवान की घोड़ी और वाद्य यंत्र की धुनें गूंजती रही। चानणी, अस्पताल सड़क, कालेज चौक, कलाकेंद्र के पीछे होकर जलेब अंततः राजा की चानणी के पास ही जलेब संपन्न हुई। अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के मुख्य आकर्षण में भव्य जलेब यात्रा भी है। मुहल्ले उत्सव होने तक प्रतिदिन कुल्लू दशहरा में जलेब निकाली जाएगी। बता दें कि ढोल-नगाड़ों की थाप ने जलेब यात्रा में रौनक बढ़ाई और लोग नाचने तक मजबूर हो गए।