शिक्षक नहीं, तो रुकेगी ग्रांट

जल्द भरने होंगे उच्च शिक्षण संस्थानों के खाली पद, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने जारी किया रिमाइंडर

शिमला  – हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित, यूजीसी से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों को इस साल खाली पड़े शिक्षकों के पद भरने होंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शिक्षण संस्थानों पर शर्त लागू कर दी है। शर्त के मुताबिक यूजीसी से मान्यता प्राप्त संस्थानों ने अगर इस साल के अंत तक शिक्षाविदों के खाली पदों को नहीं भरा, तो ऐसे में उन पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके साथ यूजीसी की ओर से शिक्षण संस्थानों को मिलने वाली ग्रांट भी बंद कर दी जाएगी। अहम यह है कि यूजीसी ने हिमाचल को उच्च शिक्षण संस्थानों में खाली पद न भरने पर फटकार भी लगाई है।  हैरानी है कि हिमाचल में यूजीसी से मान्यता प्राप्त कालेजों में विभिन्न विषयों के हजार से ज्यादा कालेजों के पद खाली चल रहे हैं। वहीं प्रदेश विश्वविद्यालय में भी करीब 200 के करीब शिक्षाविदों के पद खाली चल रहे हैं। एचपीयू ने खाली पदों को भरने के लिए जल्द विज्ञापन जारी करने का दावा किया है। कालेजों में सौ से ज्यादा छात्रों को पढ़ाने के लिए एक ही शिक्षक है। बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 31 दिंसबर से पहले  शिक्षण संस्थानों में शिक्षाविदों के खाली पद भरने के बाद यूजीसी के यूनिवर्सिटी एक्टीविटी मानिटरिंग पोर्टल पर अपडेट करने को कहा है। ऐसे में अब हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय व 127 सरकारी कालेजों में खाली पड़े प्रोफेसर के पदों का ब्यौरा शिक्षा विभाग को भेजना होगा। वहीं जिस राज्य के  शिक्षण संस्थानों में सबसे ज्यादा प्रोफेसर के पद खाली होंगे, उनसे जवाबदेही ली जाएगी। अहम यह कि जिन शिक्षण संस्थानों में बजट होने के बाद भी प्रोफेसरों के पद खाली होंगे, तो ऐसे में यूजीसी की ओर से उनका बजट भी रोका जा सकता है।

एचपीयू सहित नए कालेजों में टीचर नहीं

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में विश्वविद्यालय सहित सरकारी कालेजों में प्रोफेसरों के हजारों पद खाली चल रहे हैं। विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के 200 पद खाली हैं। वहीं 60 खुले नए कालेजों में तो प्रोफेसर ही नहीं हैं। यूजीसी ने शिक्षण संस्थानों से यह भी जवाब मांगा है कि जहां पर शिक्षाविद नहीं हैं, वहां पर शिक्षा प्रणाली कैसे चल रही है।