शिमला में हर साल 3300 नई गाडि़यां

शिमला –राजधानी शिमला में हर साल 3300 से अधिक नए वाहन रजिस्टर्ड हो रहे हैं। शिमला में हालांकि पार्किंग व्यवस्था हैं, लेकिन क्षमता भी हर दिन कम हो रही है। पार्किंग सुविधा न होने के बावजूद वाहनों के शौकीन ऐसे लोग मजबूरन सड़क किनारे गाडि़यां खड़ी कर रहे हैं। पुराने रिकार्ड पर गौर करें तो शिमला में पिछले 14 साल में 46 हजार 711 नए वाहनों की संख्या में वृद्धि हो गई है। वर्ष 2005 में 31 हजार 228 वाहनों के पंजीकरण हुए जो आज यानी मई 2019 तक 77 हजार 939 हो चुकी है। कुल मिला कर शिमला में हर माह 33 सौ और हर दिन कम से कम नौ नए वाहनों के पंजिकरण हो रहे हैं। राजधानी में रहने वाले लोग अपने ग्रामीण क्षेत्रों में पंजिकरण कर यहां की सड़कों पर वाहन दौड़ा रहे हैं। जब पार्किंग की बात आती है तो वे सड़क किनारे अपनी गाडि़यां खड़ी कर देते हैं। परिवहन विभाग द्वारा तय नियमों के मुताबिक शिमला जैसे शहर में नए वाहनों के पंजिकरण के लिए संबंधित वाहन मालिक के पास अपनी पार्किंग होनी चाहिए। जिस  क्षेत्र में लोग रहे रहे हैं, वे वहां की पार्किंग की तस्वीर भी आरटीओ कार्यालय में दर्शा रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिस क्षेत्र में लोग रह रहे हैं वे संबंधित पार्षद या स्थानीय निकाय से पार्किंग की एनओसी लेकर वाहनों को रजिस्टे्रशन करवा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ  शिमला में प्रति दिन वाहनों की आवाजाही में भी वृद्धि हो रही है। वर्ष 2005 में प्रति दिन 66617 वाहनों की आवाजाही होती थी। जो इस साल एक लाख 65 हजार 878 वाहनों की आवाजाही हो रही है। हालांकि वाहनों का पंजीकरण पार्किंग सुविधा होने के बाद ही किए जाते हैं।

शहर की सड़कों पर लगे 74 सीसीटीवी कैमरे

शिमला शहर की विभिन्न सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे स्थापित कर दिए हैं, जो वाहनों की स्पीड और बसों में ओवरलोडिंग पर नजर रखेंगे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक ट्रैफिक पर कंट्रोल करने के लिए जिला प्रशासन और शिमला पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे स्थापित कर दिए हैं। शिमला की सड़कों के किनारे अवैध तरीके से पार्क हो रही गाडि़यों को लेकर शिमला पुलिस के भी हाथ खड़े होते नजर आ रहे हैं। हालांकि नगर निगम शिमला ने भी सड़क किनारे येलो लाइन पार्किंग बनाई है।