सचिवालय में अभी और पुलिस अफसरों की एंट्री

कमी के चलते आईपीएस संजय कुंडू के बाद प्रशासनिक सचिव बनाए जा सकते हैं कुछ अधिकारी, कई वरिष्ठ अधिकारियों के नाम पर हो रही चर्चा

शिमला  – आईपीएस संजय कुंडू के बाद और पुलिस अफसरों की कॉडर पोस्टिंग के आसार हैं। हिमाचल में अफसरशाही की प्रचंड कमी के चलते आईपीएस अफसरों की सचिवालय में तैनाती की सुगबुगाहट चल रही है। इसके चलते एक-दो और पुलिस अफसरों को संजय कुंडू की तर्ज पर प्रशासनिक सचिव बनाया जा सकता है। इसके लिए वरिष्ठ पुलिस अफसरों के नाम चर्चा में हैं। हालांकि ब्यूरोके्रसी किसी भी सूरत में अब और पुलिस अफसरों की सचिवालय में एंट्री आसानी से नहीं होने देगी। बावजूद इसके प्रशासनिक अफसरों की कमी के चलते सरकार को संकट झेलना पड़ रहा है। यही कारण है कि पहली बार राज्य सरकार में संजय कुंडू के रूप में किसी आईपीएस अधिकारी को आईएएस काडर की पोस्ट पर तैनाती दी गई है। प्रदेश में पहली बार किसी पुलिस अफसर को प्रशासनिक सचिव बनाया गया है। इतना ही नहीं सीएम ऑफिस में भी पहली बार पुलिस अधिकारी की ताजपोशी हुई है। जाहिर है कि संजय कुंडू के पास आईएएस काडर की पांच पोस्टों का दायित्व है। वह प्रधान सचिव विजिलेंस, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, आवासीय आयुक्त दिल्ली, आबकारी एवं कराधान विभाग तथा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव का दायित्व है। राज्य में प्रशासनिक अफसरों की कमी के चलते ही संजय कुंडू को एक साथ इतने ज्यादा विभाग देने पड़े हैं। बताते चलें कि वरिष्ठता के आधार पर राज्य सरकार के पास वर्तमान में मुख्य सचिव के अलावा एसीएस राम सुभग सिंह, निशा सिंह, संजय गुप्ता, मनोज कुमार तथा आरडी धीमान के रूप में पांच अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं। इसके अलावा प्रधान सचिवों में प्रबोध सक्सेना, जगदीश शर्मा, ओंकार शर्मा और कमलेश पंत ही वरिष्ठ प्रशासनिक अफसर मौजूद हैं।

प्रबोध सक्सेना का जाना तय

चिदंबरम केस में आरोपी बनाए गए प्रबोध सक्सेना से भी पावर तथा फाइनांस डिपार्टमेंट छिनना तय है।  इस सूरत में प्रशासनिक अफसरों की कमी सरकार को और ज्यादा खलेगी। इसी घोर संकट के चलते हरेक प्रशासनिक सचिव के पास तीन से चार विभागों का जिम्मा है। इस कारण अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि इस कमी को पूरा करने के लिए कुछ आईपीएस अफसरों की सचिवालय में लैंडिंग हो सकती है।

कइयों के विभाग बदलेंगे

विधानसभा उपचुनावों के तुरंत बाद प्रदेश में प्रशासनिक फेरबदल होगा। इस फेहरिस्त में वरिष्ठ प्रशासनिक अफसरों के विभाग बदल सकते हैं। हालांकि सरकार बड़े स्तर पर प्रशासनिक बदलाव इन्वेस्टर्स मीट के बाद करेगी।