सब्जियों के दामों ने बिगाड़ा रसोई का बजट, शिमला मिर्च 150 के पार

दौलतपुर चौक –क्षेत्र के गांवों में हरी सब्जियों के बढ़े दाम ने विवाह शादियों की धाम का जायका बिगाड़ दिया है। जबकि बढ़े हुए दामों ने घर का बजट बिगाड़ दिया है। इससे मध्यमवर्गीय परिवार सकते में है और उन्हें सब्जियां खरीदने के लिए इकॉनोमिकल होना पड़ रहा है। आलम यह है कि हरा मटर और शिमला मिर्च दाम का शतक लगा रहे हैं। अक्तूबर माह में 40-50 रुपए किलो बिकने वाला हरा मटर 120 रुपए प्रति किलो तो शिमला मिर्च 140-150 रुपए प्रति किलो मिल रही है। जबकि हर दाल सब्जी में अहम भूमिका निभाने वाला टमाटर 80 रुपए प्रति किलो मिल रहा है जिससे धीरे-धीरे सलाद से भी गायब हो रहा है। ऐसा ही हाल कुछ प्याज का है जो 20-25 रुपए प्रति किलो की जगह 50 रुपए प्रति किलो मिल रहा है और अदरक के दाम भी आसमान छू रहे है और एक किलो अदरक के लिए 140-150 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। गोभी भी 80 से 100 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। इसी तरह भिंडी 60 रुपए किलो, बैंगन 40 रुपए प्रति किलो, बंद गोभी 50 रुपए, मूली 40 रुपए, कद्दू 30 रुपए खीरा 40 रुपए और घीया 40 रुपए प्रति किलो पर कायम है। अगर कहीं राहत है तो मात्र आलू में जो 15-20 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है ऐसी ही आग फलों के दाम में लगी है और केला 70 रुपए प्रति दर्जन पर पहुंच गया है। जबकि सेब 80 से 100 रुपए प्रति किलो, यही हाल मौसमी और अनार का है। जबकि नारियल 40 रुपए प्रति पीस मिल रहा है। स्थानीय लोगों विकास शर्मा, रमेश जसवाल, अशोक ठाकुर, निधि, सीमा, प्रियका विवाह शादियों और फेस्टिवल सीजन में सब्जियों और फलों के दाम बढ़ने से लोगों का बजट बिगड़ गया है और जहां सब्जी की पांच किलो की जरूरत है वहां मात्र अढ़ाई तीन किलो से काम चलाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि फेस्टिवल सीजन में फलों और सब्जियों के दाम बढ़ना हैरत भरा है और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए झटका है।