सरकारी स्कूलों के पेपर होंगे रिसाइकिल

By: Oct 19th, 2019 12:20 am

जुखाला में डाइट प्रबंधन ने यूनिट लगाने के लिए प्रशासन को भेजा प्रस्ताव, प्रशिक्षण कार्यशाला के शुभारंभ पर प्रधानाचार्य का खुलासा

जुखाला –सरकारी स्कूलों में लिए जाने वाले पेपर अब रद्दी होने पर नष्ट नहीं किए जाएंगे, बल्कि रिसाइिकल कर इन्हें प्रयोग मंे लाया जा सकेगा। इस बाबत जिला प्रशासन को एक प्रस्ताव भेजा गया है। यदि उस ओर से हरी झंडी मिलती है तो कहीं उपयुक्त साइट पर रिसाइिकल यूनिट स्थापित करने के लिए कवायद शुरू की जाएगी। यह खुलासा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) जुखाला में संपर्क फाउंडेशन के सौजन्य से शुक्रवार को सदर शिक्षा खंड के प्राथमिक शिक्षकों की दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर प्रधानाचार्य एवं जिला परियोजना अधिकारी राकेश पाठक ने किया। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थित 91 प्राथमिक शिक्षकों ट्रेंड किया जाएगा। पाठक ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में देश का भविष्य तैयार होता है। यहां से अच्छी शिक्षा ग्रहण करके ही बच्चे भारतीय प्रशासनिक सेवा में तथा हिमाचल प्रशासनिक सेवा में चयनित होते हैं। यही बच्चे देश के या राष्ट्रनिर्माण में अपनी बहुमूल्य भूमिका अदा करते हैं। यदि इन बच्चों को स्नेह के साथ-साथ सजयाया जाए और संस्कारों से भरपूर गुणात्मक शिक्षा दी जाए तो इन नौनिहालों का जीवन बेहतर बन सकता है क्यांेकि इन बच्चों को तराशने का कार्य प्राथमिक स्तर पर ही किया जाता है। हाई और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में तो इनकी फीनिशिंग की जाती है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक पाठशालाओं में पढ़ाने वाले सभी अध्यापक मेहनती एवं ऊर्जावान हैं, अनुभवी है। नवाचार से भरपूर हैं। आज आवश्यकता अपने आप को सुधारने की है। उन्होंने कहा कि कक्षा में अपनी पुश्तैनी बोली का प्रयोग न करें। इस की जगह शुद्ध हिंदी या फिर अंग्रेजी में बात करंे औैर रोल मॉडल बनें क्योंकि बच्चे शिक्षकों का ही ज्यादा अनुसरण करते हैं। पाठक ने कहा कि हम अपने लाड़ले को मोबाइल दे रहे हैं। जबकि उन्हंे नैतिक शिक्षा और संस्कारों की आवश्यकता है। पाठक ने आह्वान किया कि बच्चों में काबिलियत पैदा करें, संस्कार पैदा करें तभी बच्चे आज्ञाकारी बनेंगे। इसके अलावा जीरो पीरियड में उन्हें महापुरुषों की गाथाएं सुनाई जाएं, ताकि उनका मनोबल और अधिक ऊंचा हो सके। पाठक ने यह भी कहा कि वह उत्कृष्टता में विश्वास रखते हैं। इस अवसर पर डाइट फैकल्टी, संपर्क फाउंडेशन नोयडा के रिंकू खासा, आशीष सेठी, सुखविंद्र कौर, उपदेश नारायण, राम लोक और दिग्विजय उपस्थित रहे।

दोबार प्रयोग में आ जाएगा पेपर

वहीं, प्रधानाचार्य एवं जिला परियोजना अधिकारी डाइट जुखाला (बिलासपुर)राकेश पाठक ने कहा कि सभी स्कूलों में पेपर होने पर कुछ समय के अंतराल में इन्हें नष्ट कर दिया जाता है या फिर रद्दी में डाल दिया जाता है। यदि उन पेपरों को रिसाइिकल यूनिट स्थपित करके रिसाइिकल कर दिया जाए तो हम इसे दोबारा प्रयोग में ला सकते हैं। इस आशय की एक प्रोपोजल जिला प्रशासन को प्रेषित की है यदि वहां से स्वीकृति मिल जाती है तो इसे स्थापित करने पूरा प्रयास किया जाएगा।

 


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