सरकार से खफा सेवा विकास समिति संधोल

संधोल – सेवा विकास एवं कल्याण समिति संधोल की मासिक बैठक जनता सराय में हुई। बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष मान सिंह सकलानी ने की। बैठक में संधोल सहित आसपास की पंचायतों में लंबित पड़ी विकास योजनाओ पर विस्तृत चर्चा हुई, जिसमें मुख्यतः केंद्रीय विद्यालय संधोल के परिसर के निर्माण के भूमि आबंटन पर रही। इस क्षेत्र की मुख्य मांग पर स्थानीय उपमंडलाधिकारी ने पर्याप्त भूमि की व्यवस्था कर इसे प्रदेश सरकार को भेज दिया था, लेकिन कुछ राजनीतिक रसूख के चलते अभी भी सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया और इस भूमि को मंजूरी नहीं मिली। अध्यक्ष ने इसके लिए सीधे-सीधे स्थानीय विधायक को जिम्मेदार ठहराया।  इस मसले पर एक निंदा प्रस्ताव भी पारित भी किया गया। उन्होंने बताया कि बस अड्डे के उद्घाटन के समय आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ने घोषणा की थी कि जल्दी ही नाले के ऊपर लेंटल डाल के इसे बड़ा किया जाएगा। उसी दिन 50 लाख के टेंडर भी प्रकाशित हुए, लेकिन उद्धाटन के एक वर्ष बाद भी न टेंडर खुले न काम शुरू हो पाया।  उन्होंने बताया को पिछले पांच वर्षों से बन रही लसराणा पेयजल योजना का कार्य लगभग पूरा हो गया है,  लेकिन वह अभी तक क्यों नहीं शुरू हो पा रही है। पिछले डेढ़ वर्ष से इस योजना को अधिकारी क्यों लटका बैठे हैं। इसकी वजह भी साफ होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि बक्कर खड्ड में हो रहे धड़ल्ले से खनन की वजह से जहां खड्ड में बहुत गहरे खड्ढे होने से समति चिंतित है, वंही अब करोड़ों रुपए से बने बक्कर खड्ड पुल को भी खतरा बना हुआ है। एक छोर से तो यह पुल खाली होने के कागार पर है इसके लिए एक प्रस्ताव राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल व प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा। अंत मंे संधोल के बल्ला में बनने वाली 125 करोड़ रुपए की लागत के प्रोजेक्ट को बनाने का प्रस्ताव विभाग ने बिना क्षेत्र की राय जाने दे दिया है जिसका इस क्षेत्र को कोई लाभ नहीं मिलने वाला, बल्कि वहां हजारों लोंगो के लिए एक मात्र शमशान घाट है, जिसमे लोंगो की धार्मिक आस्था व्याप्त है।