सालों से नहीं मिला शिक्षा का पूरा बजट

By: Oct 30th, 2019 12:01 am

2018-19 में भी अप्रूव हुई राशि के बजाय मिलेगा मात्र 550 करोड़

शिमला – हिमाचल में सरकारी शिक्षा में बजट की कमी आडे़ आ रही है। हैरानी की बात है कि राज्य को पिछले दस सालों से केंद्र सरकार से अप्रूव हुआ पूरा बजट नहीं मिल पा रहा है। विभागीय जानकारी के अनुसार पिछले दस सालों से पांच सौ से एक हजार करोड़ के बजट की डिमांड प्रोजेक्ट अप्रवूल बोर्ड की बैठक में उठाई जाती है, बावजूद इसके मांग किए हुए बजट में से प्रदेश को केवल 50 से 60 प्रतिशत तक का ही बजट जारी किया जाता है। बताया जहा रहा है कि शिक्षा विभाग ने जब चार से पांच वर्ष पहले केंद्र सरकार से 500 करोड़ के बजट को लेकर केंद्र से मंजूरी दिलवाई, तो ऐसे में बाद में केंद्र की ओर से 250 करोड़ तक का ही बजट आ पाया।  अहम यह है कि वर्ष 2018-2019 में अप्रूव हुए 846 करोड़ रुपए में से हिमाचल को इस बार 550 करोड़ का ही बजट देने का आश्वासन केंद्र सरकार ने दिया है। ऐसे में हिमाचल शिक्षा विभाग को चिंता सताने लगी है, कि हर साल केंद्र सरकार से मिलने वाले बजट में कटौती क्यों की जा रही है।  बता दें कि पिछले वर्ष भी केंद्र सरकार ने टीचर एजुकेशन बजट का यूसी न भेजने पर भी शिक्षा विभाग को फटकार लगाई थी।  शिक्षा विभाग का दावा है कि अगर केंद्र सरकार से पूरा बजट मिलता, तो हाई व सेकंडरी स्कूलों के साथ प्राथमिक स्कूलों में भी आईसीटी लैब लगाने का प्रोजेक्ट शुरू किया जाता। इसके साथ ही जिन स्कूलों में आईसीटी लैब को शुरू करने में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं, उनको भी ठीक किया जाता। सूत्रों की मानें, तो केंद्र सरकार ने साफ किया है कि अब राज्य सरकार को स्कूलों के निर्माण कार्य के लिए खुद बजट खर्च करना पड़ेगा। ऐसे में देखना होगा कि बजट की कमी से जूझ रही समग्र शिक्षा को क्या केंद्र सरकार पैब की बैठक में हर साल पूरा बजट देने का दावा करती है या नहीं।


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