साहेब छह माह नहीं, पूरे 15 साल की है यह बेटी

 पोलियो की वजह से शारीरिक व मानसिक विकास नहीं हो पाया अबोध बालिका का, पिछले 15 साल से गोद में पाल रही हैं मजबूर मां

 नेरवा –साहेब छह माह नहीं पूरे 15 साल की है यह बिटिया। जी हां आज हम आप को एक ऐसी बिटिया की अनोखी और दर्दभरी दास्तान से रू-ब-रू करवा रहे हैं जिसे सुनकर किसी भी शख्स के मन में करुणा जागृत हो सकती है। इस बिटिया की उम्र तो 15 साल है परंतु देखने में यह मात्र छह माह की ही नजर आती है। यही नहीं पूरी तरह से अबोध इस बिटिया की हरकतें भी किसी दुधमुहें बच्चे की तरह ही है। जन्म से ही दृष्टिहीन यह बच्ची ना तो बोल पाती है न ही किसी प्रकार के अहसास को महसूस कर पाती है। पोलियों ग्रस्त इस बच्ची का पिछले पंद्रह सालों में शारीरिक और मानसिक विकास नहीं हो पाया है जिस वजह से इसकी आज यह हालत है। मंगलवार को इसकी मां जब इसे नेरवा लेकर आई तो इस अबोध बालिका को देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा व इसकी मां पर लोगों ने सवालों की झड़ी लगा दी। जिला शिमला के चौपाल उपमंडल की कुपवी तहसील के दूरदराज क्षेत्र धार चांदना के शराड़ गांव की रहने वाली मट्ठी देवी ने दिव्य हिमाचल के साथ एक विशेष बातचीत के दौरान बताया कि मात्र छह माह की नजर आने वाली उसकी यह बिटिया 15 साल की हो चुकी है। वह उसे 15 सालों से एक नन्हें बच्चे की तरह ऐसे ही गोद में लेकर पाल रही है। उसे कहीं घर से बाहर जाना होता है तो इस बच्ची को भी साथ ले जाना पड़ता है। परिजनों ने इस दुधमुंही नजर आने वाली बच्ची को कई अस्पतालों व अन्य स्थानों में दिखाया परंतु हर जगह से यही जवाब मिला कि पोलियोग्रस्त होने की वजह से इस बच्ची का मेडिकल साइंस में इसका कोई भी इलाज नहीं है। लिहाजा इस बच्ची को पूरी जिंदगी ऐसे ही गुजारनी होगी। मट्ठी देवी ने बताया कि सरकार की तरफ  से इस बच्ची को तीन महीने में मात्र अठारह सौ रुपये पेंशन प्रदान की जाती है जोकि इसके खर्च के लिए पर्याप्त नहीं है। मट्ठी देवी की माली हालत भी ठीक नहीं है व वह खुद भी बुढ़ापे की दहलीज पर कदम रख चुकी है। ऐसे में इस नहीं जान की देखभाल करना उसके लिए मुश्किल हो रहा है। मट्ठी देवी ने गुहार लगाई है कि इस अपाहिज व अविकसित बिटिया की देखभाल के लिए सरकार की तरफ  से प्रतिमाह विशेष सहायता राशि प्रदान की जाए, ताकि इस मासूम की ठीक तरह से देखभाल हो सके।