सुन्नी वक्फ  बोर्ड के अलावा किसी को समझौता मंजूर नहीं

By: Oct 19th, 2019 12:06 am

अयोध्या विवाद में बोले मुस्लिम पक्षकार

नई दिल्ली – अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। 17 नवंबर के पहले कभी भी अदालत देश के सबसे पुराने विवाद में अपना फैसला सुना सकती है। इसी बीच मुस्लिम पक्षकारों ने बयान जारी करते हुए कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के अलावा हमें किसी तरह का समझौता मंजूर नहीं है। पक्षकारों ने मध्यस्थता पैनल के सामने हुई बातों को जान-बूझकर लीक किए जाने का भी आरोप लगाया है। मुस्लिम पक्षकारों का कहना है कि अभी हम समझौते के लिए तैयार नहीं हैं। मुस्लिम पक्षकारों की तरफ  से छह प्रतिनिधियों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा, सुन्नी वक्फ  बोर्ड के अलावा किसी पक्ष को समझौता मंजूर नहीं है। समझौते की शर्तें जो लीक हुई हैं, वे हमें मंजूर नहीं हैं। इसके साथ ही मध्यस्थता के लिए अपनाई प्रक्रिया को भी हम खारिज करते हैं। समझौते के लिए जमीन पर दावा वापस लेने की शर्त हमें मंजूर नहीं है। इसी बीच बाबरी मस्जिद ऐक्शन कमेटी के संयोजक और मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता जफरयाब जिलानी ने विश्वास जताया है कि कोर्ट का फैसला उनके हक में आएगा। उन्होंने कहा कि जिस नक्शे को सुप्रीम कोर्ट में फाड़ा गया, वह 1986 में प्रकाशित किताब का है, जिसे सुप्रीम कोर्ट भी नहीं मानता है। उधर, सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या राम मंदिर प्रकरण की सुनवाई के दौरान मंदिर का नक्शा फाड़कर फेंकने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन के खिलाफ  नई दिल्ली जिला के संसद मार्ग थाने में शिकायत दी गई है। शिकायत कर्ता अभिषेक दुबे ने कहा कि राजीव धवन जैसे देश के इतने वरिष्ठ वकील से यह उम्मीद नहीं थी कि वह भरी सर्वोच्च अदालत के भीतर इस तरह देश के कानून का मखौल उड़ाएंगे। उन्होंने जो किया, वह कदापि बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। जब देश के कानून के रखवाले ही इस तरह की बेहूदा हरकतें पब्लिसिटी बटोरने के लिए करने लगेंगे तो फिर कानून की रक्षा भला कौन और कैसे करेगा।


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