सौर ऊर्जा से हर साल 72 लाख बचाएगा मंडी

सबसे बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा जिला, सवा चार करोड़ उपदान हासिल करने में कामयाबी

मंडी –सौर ऊर्जा वर्तमान की जरूरत ही नहीं, अपितु ऊर्जा संकट की चुनौती से निपटने का एक कारगर समाधान भी है। प्रदेश में नेशनल सोलर मिशन के चलते सोलर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन की राह आसान हुई है, जिससे परिवार, संस्थाएं और सरकारी विभागों को आर्थिक लाभ होने लगा है। मंडी जिला द्वारा ग्रीन एनर्जी पैदा करने के लिए गए प्रयासों का ही फल है कि अब तक जिला पूरे प्रदेश में इस क्षेत्र में सबसे बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। योजना के शुरू होने के बाद जिला चार करोड़ 16 लाख 99 हजार 211 रुपए उपदान के रूप में प्राप्त करने में कामयाब रहा है, जिसके तहत एक लाख 28 हजार 997 रुपए विद्युत उत्पादन सौर ऊर्जा के माध्यम से ही रहा है। इससे अब ऊर्जा के क्षेत्र में मंडी जिला 72 लाख रुपए से भी अधिक की वार्षिक बचत करने जा रहा है। नेशनल सोलर मिशन के तहत प्रदेश में घरेलू एक मेगावाट तथा सरकारी क्षेत्र में दो मेगावाट सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें घरेलू उत्पादन हेतु केंद्र सरकार द्वारा 70 प्रतिशत तथा राज्य सरकार द्वारा चार हजार रुपए का उपदान प्रति किलोवाट पर देने का प्रावधान है तथा सरकारी क्षेत्र में कुल लागत का 60 प्रतिशत उपदान के रूप में केंद्र सरकार द्वारा दिया जा रहा है तथा बाकी की राशि उपभोक्ताओं द्वारा अदा की जाएगी। जिला मंडी में प्रशासन के प्रयासों व हिम ऊर्जा विभाग के बेहतर तालमेल से इस क्षेत्र में आबंटित लक्ष्य से अधिक प्राप्ति की गई है, जो प्रदेश में प्रशंसनीय एवं उदाहरणीय है। प्रदेश को पंजीकृत संस्था में ग्रिड कनेक्टिविटी से छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने हेतु आठ मेगावाट में से अभी तक समूचे प्रदेश में 1102 लाभार्थियों के छतों पर 6.275 मेगावाट क्षमता संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे मंडी जिला के ही 234 लाभार्थियांे की छतों पर 1.2 मेगावाट क्षमता को ग्रिड कनेक्टिविटी छत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जबकि लगभग 200 लाभार्थियों के छतों पर 0.8 मेगावाट क्षमता के ग्रिड कनेक्टिविटी छत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं, जो अब तक स्थापित क्षमता का 32 प्रतिशत है। इसके अतिरिक्त सरकारी क्षेत्र में प्रदेश सरकार के सरकारी भवनों पर ग्रिड कनेक्टिविटी छत सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने हेतु दो मेगावाट लगाने के लिए निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले में मंडी जिला की उपलब्धियां 1.031 मेगावाट हैं, जो कि प्रदेश की उपलब्धि का 50 प्रतिशत से अधिक है । जिला मंडी में सौर ऊर्जा विद्युत उत्पादन के लिए 223 ग्राम पंचायतों के अतिरिक्त 10 अन्य सरकारी भवन भी शामिल हैं।