हाथ नहीं-टांगें नहीं, सिर पर परिवार की जिम्मेदारी

By: Oct 25th, 2019 12:20 am

सरकाघाट – नगर पंचायत सरकाघाट के वार्ड नंबर-सात डवरोग में बीमारी के चलते दोनों टांगें कटवा चुके व दोनों  हाथों की अंगुलियां खो चुके अपाहिज लालमन परिवार सहित कच्ची झोपड़ी में रहने को मजबूर है। उसका परिवार पत्नी, दो बेटियां व एक बेटा पुरानी जर्जर टूटी-फूटी टिन से बनाई कच्ची झोंपड़ी मंे रह रहा है।  40 वर्षीय लालमन पिछले कई वर्षों से गैंगरिन बीमारी से ग्रस्त है। काफी समय से वह व्हीलचेयर पर अपनी जिंदगी-जी रहा है। लालमन की एक बेटी जमा एक में, दूसरी बेटी नौंवी कक्षा में तथा बेटा छठी कक्षा मंे पढ़ रहा है। जमीन केवल एक बिस्वा है और घर भी सड़क से दूर है आमदनी का कोई  साधन नहीं है।  अपंगता पेंशन से गुजारा कर रहा परिवार भर पेट खाने को भी तरस्ता है। ऐसे में नया घर कैसे बनाए। लालमन की मदद कुछ दानी सज्जन न करें तो सारा परिवार भूखे मर जाएगा। लालमन ने बताया कि उसने वार्डं मेंबर से लेकर मुख्यमंत्री तक मौखिक व पत्र लिखकर अपनी समस्या को बता चुका है। गृह निर्माण के लिए सहायता राशि के लिए गुहार लगा चूका है, लेकिन आज तक सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पाया है,  जबकि नगर पंचायत के सात वार्डों मंे 104 गरीब लोंगों को जिनके पास अपना घर नहीं है, उन्हंे प्रति परिवार एक लाख 65 हजार रुपए गृह निर्माण के लिए प्रधानमंत्री अवास योजना के तहत सहायता राशि दी गई है।  उनमंे 50 फीसदी लोग ऐसे हैं, जिनके पास पक्की नौकरियां या निजी क्षेत्र मंे अच्छे खासे वेतन पर कार्यरत हंै और उनके पास पक्के मकान बने हुए हैं, गाडि़यां हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से दोबारा मांग की है कि उन्हें प्रधानमंत्री अवास योजना के तहत गृह निर्माण के लिए सहायता दी जाए जैसे दूसरे लोगों को दी जा रही है। उधर, ग्रामीणोंं भी लालमन के लिए सरकार से गुहार लगाई है।  कि उसे गृह निर्माण के लिए सहायता प्रदान की जाए। इस बारे में नगर पंचायत सरकाघाट के चेयरमैन संदीप वशिष्ट ने बताया कि किसी कारण बस लालमन छूट गया है, तो अगली डीपीआर में उनका नाम गृह निर्माण योजना मंे डाल दिया जाएगा।


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