हुक्म चंद शर्मा को किसान सभा का जिम्मा

सज्याओपिपलू-हिमाचल किसान सभा पंचायत कमेटी सज्याओपिपलू का गठन अंबेडकर भवन में खंड अध्यक्ष रणताज राणा की अध्यक्षता व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह की उपस्थिति में किया गया, जिसमें कौहन गांव के हुक्म चंद शर्मा को अध्यक्ष, सूबेदार मोहन लाल को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, मिलखी राम को उपाध्यक्ष, मिलाप चंद चंदेल को सचिव, हेमराज शर्मा को सहसचिव और जगदीश गुप्ता को कोषाध्यक्ष चुना गया। इसी के साथ ओमचंद, ज्ञान चंद, हुक्म चंद, हेमराज, रामचंद, अमर सिंह, संत राम, सूरत सिंह, विधि चंद, हरनाम सिंह, कर्म सिंह, कृष्ण देव व अन्य सहित 21 सदस्यीय पंचायत कमेटी का भी चयन किया गया। बैठक में सज्याओपिपलू पंचायत की तीन पंचायतें बनाने की मांग उठाई गई। इसके अतिरिक्त सज्याओपिपलू में अब तक शौचालय सुविधा उपलब्ध न होने पर चिंता व्यक्त की गई और जल्दी निर्माण की मांग की गई। इसके अलावा एटीएम व पार्किंग सुविधा उपलब्ध करवाने की भी मांग की गई। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्सरे और अन्य टेस्टों की सुविधा उपलब्ध कराने, पाड़छू सज्याओपिपलू वाया सजयोड़ी सड़क पर बस चलाने और भराड़ी से तासली के लिए बाई पास रोड़ बनाने के बारे भी मांग उठाई गई ताकि पीपली गांव में हर रोज लगने वाले  ट्रैफिक जाम का समाधान हो सके। भराड़ी से बाल्ह, खिली रंघोड़, दोड़ने के थले से कौहन करनोहल सड़क का निर्माण, स्याठी से कलियुन के लिए फुटब्रिज का निर्माण और पाड़छू-करनोहल और पिपली के लिए बनी सिंचाई योजना को चालू करने, कौहन रंघोड़ खहड्ड व रटकेल नाले में चैक लगाने, ग्रोउडु गदहड़ा, कौहन व पाडछू में श्मशानघाट बनाने, पाड़छू गांव के लिए नियमित पेयजलापूर्ति करने, पिपली गांव में सड़क किनारे नालियां बनाने व महिला मंडल भवन निर्माण करने, पाडछू पटवार सर्कल को सरकाघाट तहसील में शामिल करने, सज्याओपिपलू में खाद बीज व कृषि उपकरण उपलब्ध कराने व अंबेडकर भवन में रसोई घर बनाने था। वहीं सभी वार्डों में सौर ऊर्जा लाइटें लगाने की भी मांग की गई। इसके अलावा बंदरों, सुअरों, आवारा पशुओं की समस्या का स्थायी समाधान करने और मनरेगा में 120 दिन का रोजगार देने की भी मांग की गई। इसके अलावा जिला परिषद निधि से भराड़ी व पाड़छू में बनने वाले रेन शैल्टर का निर्माण कार्य जल्दी प्रारंभ करने की भी मांग की गई। इन सब मांगो के लिए किसान सभा अगले 15 दिन हस्ताक्षर अभियान चलाएगी और संबंधित विभागों को मांग पत्र देगी।