259 पौंग विस्थापितों को अभी जमीन नहीं

शिमला – विस्थापन का दंश झेल रहे पौंग विस्थापितों के दावों को राजस्थान सरकार ने नकार दिया है। 259 दावेदारों के मामलों पर राजस्थान सरकार ने आपत्तियां लगाकर वापस भेज दिया है, जबकि 45 के आवेदन मान लिए है। अभी करीब आठ हजार से ज्यादा विस्थापितों को उनका हक मिलना है, जिसके लिए 11 नवंबर को दिल्ली में बैठक होगी। सूत्रों के अनुसार कुछ समय पहले हिमाचल से दावेदारों की फाइल राजस्थान सरकार को भेजी गई थी, जहां से 45 मामले क्लीयर कर दिए गए, जिनको जमीन का आबंटन जल्दी कर दिया जाएगा, लेकिन 259 दूसरे दावेदारों के मामलों को आपत्तियों के साथ वापस भेज दिया गया है। इतना ही नहीं, यहां पर प्रदेश सरकार के डीसी आर एंड आर ने पौंग विस्थापितों से उनका ताजा रिकार्ड मंगवाया है। गौर हो कि सालों से बार-बार रिकार्ड देकर पौंग विस्थापित भी थक चुके हैं, लेकिन उनको न्याय नहीं मिल पाया है। आठ हजार से ज्यादा लोग अभी भी राजस्थान में जमीन के आबंटन के इंतजार में है। बताया जाता है कि हिमाचल के लोग सिंचाईयुक्त जमीन लेना चाहते हैं, जिसके लिए हिमाचल श्री गंगानगर में जमीन की मांग कर रहा है। इससे पहले जैसलमेर के रेगिस्तान में यहां के विस्थापितों को जमीन दी गई, जहां पर लोगों के लिए पीने का पानी तक नहीं है, जमीन की सिंचाई तो दूर की बात है। ऐसे में कई लोग वहां से जमीन बेचकर आ चुके हैं।फिलहाल नवंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी इस मामले पर आगे चर्चा करेगी और सुप्रीम कोर्ट को इससे अवगत करवाया जाएगा। अदालत के कहने पर ही राजस्थान सरकार पौंग विस्थापितों को चरणबद्ध ढंग से जमीन का आबंटन कर रही है। दो महीने पहले वहां करीब 50 लोगों को जमीन का आबंटन हुआ भी है, जिससे अब कुछ उम्मीद बंधी हैं। अब जैसे ही लोग अपने ताजा दस्तावेज देंगे, तो यहां से मामला आगे बढ़ सकेगा।