इन बैंकों का दावा है कि अनिल अंबानी की निजी गारंटी की शर्त पर रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को 2012 में 92.52 करोड़ डॉलर (करीब 65 हजार करोड़ रुपये) का कर्ज दिया था. तब अनिल अंबानी ने इस लोन की पर्सनल गारंटी लेने की बात कही थी लेकिन फरवरी 2017 के बाद कंपनी लोन चुकाने में डिफॉल्ट हो गई.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले पर अनिल अंबानी का कहना है कि उन्होंने पर्सनल कंफर्ट लेटर देने की बात कही थी. लेकिन निजी संपत्ति को गारंटी बनाने की पेशकश कभी नहीं की. अनिल अंबानी के वकील रॉबर्ट हॉव ने कहा, ”बैंकों ने लगातार अनिल अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन्स में अंतर नहीं करने की भूल करता रहा.”
यह पहली बार नहीं है जब अनिल अंबानी और उनकी कंपनी के खिलाफ मामला कोर्ट में गया है. इससे पहले एरिक्शन विवाद मामले में भी अनिल अंबानी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला चला था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एरिक्शन को 550 करोड़ रुपये चुकाने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अनिल अंबानी को कर्ज चुकाने के लिए बड़े भाई मुकेश अंबानी ने मदद की.