अभी नाहन नहीं जाएंगे आईजीएएमसी प्रिंसीपल

By: Nov 20th, 2019 12:01 am

शिमला – हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट से आईजीएमसी के प्रिंसीपल डा. मुकुंद लाल के तबादले के मामले  पर फिलहाल राहत मिल गई है। सरकार ने 16 नवंबर को डा. मुकुंद का तबादला मेडिकल कालेज नाहन के लिए किया था, जिसे मुकुंद लाल ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। अदालत ने तबादला आदेशों पर फिलहाल रोक लगा दी है। वरिष्ठ न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने डा. मुकुंद द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के पश्चात उपरोक्त अंतरिम आदेश पारित करते हुए प्रदेश सरकार से जवाब-तलब किया है। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने 16 नवंबर को डा. मुकुंद को आईजीएमसी से मेडिकल कालेज नाहन स्थानांतरित किया था एवं डा. रजनीश पठानिया को इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज का प्रिंसीपल नियुक्त किया गया था। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार स्थानांतरण आदेश से याचिकाकर्ता के करियर को प्रभावित किया गया है एवं याचिकाकर्ता का स्थानांतरण विभाग द्वारा नियमों को दरकिनार करते हुए किया गया है। प्रार्थी को 25 जून, 2019 को पदोन्नत कर आईजीएमसी का प्रधानाचार्य नियुक्त किया गया था। उस समय हिमाचल में इस तरह का कोई अन्य का पद नहीं था। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि यह स्थानांतरण आदेश डा. रजनीश पठानिया को एडजस्ट करने के लिए पारित किए हैं। याचिकाकर्ता ज्वाइंट रिप्लेसमेंट में स्पेशलिस्ट हैं। वह एक हफ्ते में छह से नौ रोगियों की सर्जरी करते हैं एवं इस सर्जरी के लिए आईजीएमसी शिमला में उपयुक्त सुविधाएं हैं, परंतु मेडिकल कालेज नाहन में इस तरह की कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है। मामले पर अगली सुनवाई अब चार दिसंबर को होगी।


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