आंखों में धब्‍बे को न लें हल्‍के में

By: Nov 9th, 2019 12:18 am

कभी आपने बचपन में अपनी आंखों में एक छोटा सा स्पॉट नोटिस किया या फिर आप यूं ही अपनी आंखों का चैकअप करवाने गए और चैकअप के दौरान आपको पता चला हो कि आपको आई फ्रेकल है। आंखों में झाई होना सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन यह वास्तव में बेहद आम बात है और इससे आपकी आंखों को किसी तरह की हानि नहीं होती। हालांकि बहुत ही कम मामलों में यह एक प्रकार के कैंसर में बदल सकते हैं, जिसे मेलेनोमा कहा जाता है। इसलिए चाहे आई फ्रेकल्स पुराने हों या नए, उनकी जांच जरूर करवानी चाहिए। तो चलिए आज हम आपको आई फ्रेकल्स के बारे में विस्तार से बताते हैं…

क्या है आई फ्रेकल्स

आई फ्रेकल्स आंखों में मौजूद स्पॉट को कहा जाता है। कई बार यह आपको नजर आ भी सकते हंै और नहीं भी। यह आपकी आई बाल से लेकर बाहरी हिस्से पर कहीं भी हो सकता है। आमतौर पर आई फ्रेकल्स दो प्रकार का होता है. इनमें से एक को तकनीकी रूप से नेवस कहा जाता है। नेवस का अर्थ होता है तिल। इन्हें स्पॉट करना काफी आसान है। वहीं अन्य आई फ्रेकल्स आपकी आंखों के पीछे छिपे होते हैं और इसे एक आई स्पेशलिस्ट ही देख पाता है और इसलिए इन फ्रेकल्स के बारे में आंखों की जांच करवाने पर ही पता चलता है। क्योंकि यह आंखों के अलग-अलग हिस्से पर होते हैं, तो उसी के अनुरूप इनके नाम भी हैं।

कंजंक्टिवल नेवस- आपकी आंख की सतह पर आइरिस

नेवस- आपकी आंख के रंगीन हिस्से में

कोरोइडल नेवस-आपकी रेटिना के नीचे (आपकी आंख के पीछे)।

जानिए कारण

आई फ्रेकल्स कई कारणों से हो सकता है। हो सकता है कि जन्म से ही आपको आई फ्रेकल हो या फिर जन्म के बाद भी जैसे-जैसे आप बढ़ते हैं, यह भी विकसित हो सकता है। स्किन पर होने वाली झाइयों की ही तरह आई फ्रेकल्स भी मेलानोसाइट्स के कारण होते हैं। इसके अतिरिक्त सूरज की किरणें भी नेवस को बढ़ा सकती हैं। आईरिस नेवस भी धूप के कारण बढ़ सकते हैं। 2017 में हुए एक अध्ययन के मुताबिक जिन लोगों ने अधिक समय धूप में बिताया, उनमें आईरिस फ्रेक्ल्स अधिक थे।

पहचानें लक्षण- कंजंक्टिवल नेवस अकसर आखों के सफेद भाग पर साफ तौर पर दिखाई देते हैं। इसका अन्य कोई लक्षण नजर नहीं आता। यह स्थिर बने रहते हैं, लेकिन समय के साथ बढ़ती उम्र में या गर्भावस्था के दौरान इनका रंग बदल सकता है। आईरिस नेवस आमतौर पर आंखों को चैक करते समय ही सामने आते हैं। वे आमतौर पर नीली आंखों वाले लोगों में होते हैं और इन व्यक्तियों में अधिक आसानी से देखे जाते हैं। कोरोइडल नेवस होने पर कोई लक्षण नजर नहीं आते, हालांकि यह तरल पदार्थ का रिसाव कर सकते हैं।

उपचार

अधिकतर मामलों में आई फ्रेकल्स होने से किसी तरह का नुकसान नहीं होता। यह ठीक उसी तरह होते हैं, जिस तरह आपकी स्किन पर फ्रेकल्स होते हैं। यह आपके विजन या अन्य आंखों की समस्याओं का कारण नहीं बनते, लेकिन फिर भी यह बेहद जरूरी है कि आप आई स्पेशलिस्ट को एक बार जरूर दिखाएं। कभी-कभी यह मेलेनोमा हो सकता है और इसलिए आपको इलाज की जरूरत पड़ती है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

सुनेत्रम आई केयर की आई स्पेशलिस्ट डा. रत्नामाला मृणालिनी कहती हैं कि यूं तो आई फ्रेकल्स हानिरहित होते हैं, लेकिन अगर आपको आंखों में मौजूद पिग्मेंट का साइज तेजी से बढ़ता हुआ नजर आए या फिर आंखों में किसी तरह की दिक्कत हो, तो तुरंत आई स्पेशलिस्ट से संपर्क करें। साथ ही धूप में बाहर निकलते समय आंखों की प्रोटेक्शन से लिए सनग्लासेज जरूर पहनें और आंखों में किसी भी तरह की समस्या होने पर कभी भी खुद से ट्रीटमेंट न करें। अमूमन देखा जाता है कि कुछ लोग आंखों में समस्या होने पर ठंडे पानी के छींटे मारते हैं या गुलाब जल डालते हैं। कई बार समस्या बड़ी हो सकती है, इसलिए एक बार चैकअप जरूर करवाएं।

 

 

 


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