आईटी सेक्टर में 38 सौ करोड़ की इन्वेस्टमेंट

धर्मशाला इन्वेस्टर्स मीट में हुए एमओयू, निवेशकों ने वाकनाघाट में दिखाई दिलचस्पी

शिमला – प्रदेश में आईटी सेक्टर में 38 सौ करोड़ का निवेश होगा। धर्मशाला में आयोजित इन्वेस्टर्स मीट के दौरान आईटी सेक्टर में 38 सौ करोड़ के निवेश पर एमओयू हस्ताक्षर किए गए हैं। ऐसे में अब आने वाले समय में राज्य में आईटी सेक्टर में विकास की गति भी तेज हो सकती है। हालांकि अभी कहां-कहां निवेश होना है और कौन-कौन सी कंपनियां हिमाचल आएगी, यह तय नहीं हैं, लेकिन प्रदेश में ऐसी संभावनाएं बरकरार है। अभी तक प्रदेश के गगल और शिमला में ही आईटी पार्क निर्माण होना है, मगर आने वाले समय में राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी आईटी पार्क का रास्ता साफ हो सकता है। सोलन के वाकनाघाट में भी आईटी पार्क बनना है। इसके लिए अभी तक पांच निजी निवेशक आने को तैयार हो चुके हैं। बताया गया कि आईटी सेक्टर में निवेश करने वाले निजी निवेशकों को न्यू आईटी पॉलिसी के तहत प्रदेश सरकार नियमों में छूट भी देगी। जहां तक जमीन खरीदने की बात है धारा-118 के तहत छूट भी दी जाएगी। सोलन के वाकनाघाट में प्रदेश का तीसरा आईटी पार्क बनना तय है। यहां निवेश करने के लिए बड़ी-बड़ी नामी आईटी कंपनियों ने इच्छा भी जताई है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2004 में तत्कालीन वीरभद्र सरकार ने वाकनाघाट में आईटी विभाग को विकसित करने के लिए 331 बीघा जमीन देखी थी, लेकिन 15 साल बीतने के बाद अब जयराम सरकार इस जमीन को निजी क्षेत्र में निवेश करने की सोच रही है। जहां पर आने वाले समय में आईटी पार्क स्थापित की जाएगी।

गगल में ये आएंगे

हांगकांग की एक आईटी कंपनी गगल में आईटी सेंटर स्थापित करेगी। धर्मशाला में आयोजित इन्वेसटर्स मीट के दौरान हांगकांग की कंपनी ने यहां निवेश करने की इच्छा जताई है।  इसके अलावा सिंगापुर की आईटी कंपनी ने भी गगल में इच्छा जताई है।

आईटी पार्क में मिलेंगी ये सुविधाएं

निवेशकों को हाई स्पीड डाटा सेंटर कि सुविधा उपलब्ध होगी। विश्व स्तर का बुनियादी ढांचा विकसित किया जाएगा। इसके साथ-साथ कॉल सेंटर से लेकर डाटा आपरेटिंग सिस्टम के कार्य की मिलेगी सुविधा। निवेशक इस पार्क में कॉल सेंटर खोलने से लेकर ब्लॉगिंग तक का कार्य आसानी से कर सकेंगे। इसके अलावा यहां पर आईटी से संबंधित सभी तरह के व्यवसाय शुरु करने की सुविधा प्रदान की जाएगी।