आखिर कब लगेंगे क्रैश बैरियर

सैंज –सैंज घाटी को जोड़ने वाले लारजी-सैंज मार्ग पर क्रैश बैरियर अभी तक कई जगहों पर नहीं लगे हैं। इन जगहों पर सीमेंट के पैरापिट लगे हुए हैं, जिनमें सीमेंट कम रेत और पत्थर ज्यादा है। ऐसे में ये पैरापिट सड़क पर कम टिकते हैं। गाड़ी का बचाव तो दूर मूसलाधार बारिश होने से ये पैरापिट ही गिर जाते हैं। ज्ञात रहे कि लारजी सैंज मार्ग अभी तक कई लोगों की लीलाएं समाप्त कर चुकी है। सैंज घाटी में देश-विदेश के पर्यटकों का आना जाना भी लगा रहता है। घाटी की 14 पंचायतों के पच्चीस हजार लोग इसी मार्ग से जिला मुख्यालय पहुंचते हैं। इस सड़क पर कैै्रश बैरियर न होने से पूर्व में तलाड़ा बस हादसे जैसे कई घटनाओं का अंजाम सैंज वासी भुगत चुके है। सरकार ने हिमाचल की सड़कों पर थ्राई बीम क्रैश बैरियर लगाने का तो फैसला लिया है, लेकिन अभी तक इसमें पहल नहीं की गई। इस क्रैश बैरियर की यह खासियत है कि अगर इनसे गाड़ी टकरा जाती है तो गाड़ी पीछे हटती है थ्राई बीम क्रैश बैरियर से टकराने पर वाहन सड़क से बाहर नहीं जाएगा। केंद्रीय परिवहन एवं भूतल मंत्रालय ने पहले चरण में 39.47 करोड़ की राशि जारी की है। लेकिन हिमाचल सरकार ने इस पर अभी तक कोई अनुसरण नही किया है। सैंज संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेश शर्मा ने बताया है कि लारजी-सैंज मार्ग पर अधिकांश क्षेत्रों में सीमेंट के पैरापिट लगे हैं। इसमें सीमेंट कम और रेत पत्थर ज्यादा है। ऐसे में यह पैरापिट सड़क पर टिकते नहीं। गाड़ी का बचाव तो दूर, मूसलाधार बारिश होने से ये पैरापिट गिर जाते हैं। सैंज संघर्ष समिति के तमाम महासचिव शेर सिंह नेगी, गोविंद ठाकुर, कैलाश चंद, बुद्धि सिंह ठाकुर, सुरेश कुमार आदि ने सरकार से मांग की है कि लारजी-सैंज मार्ग यातायात के लिए बहुत ही खतरनाक है। इसलिए इस मार्ग पर थ्राई बीम क्रैश बैरियर लगाए जाएं, जिससे दुर्घटनाओं को होने से रोका जा सके।