इकॉनोमी बेहाल, प्रॉपर्टी में फिर कैश लेन-देन

सर्वे में खुलासा; देश में आर्थिक मंदी सा माहौल, लोगों में असुरक्षा का भाव

मुंबई- नोटबंदी के शुक्रवार को साल पूरे होने के बाद लोगों की राय में नोटबंदी से असंगठित क्षेत्र की कमर टूट गई और देश में आर्थिक मंदी सा माहौल हो गया। इससे रोजगार पर असर हुआ और लोगों में असुरक्षा का भाव आया। यह बात लोकल सर्किल द्वारा किए गए सर्वे में सामने आई है। देश के अलग-अलग हिस्सों में करवाए गए इस सर्वे के अनुसा, लोगों की राय में नोबंदी से सबसे बड़ा फायदा टैक्स नेट में बढ़ोतरी का हुआ और जो लोग टैक्स नहीं भरते थे, उन पर नकेल कसी गई। जहां तक काले धन और कैश ट्रांजेक्शन की बात है तो वह लगातार बढ़ रहा है। प्रॉपर्टी में कैश ट्रांजेक्शन का बढ़ना चिंताजनक है। सर्वे में साफ पता चलता है कि सरकार द्वारा डिजिटल ट्रांजेक्शन को प्रोमोट करने की बेशुमार कवायदों के बावजूद अभी भी लोगों की पसंद डिजिटल ट्रांजेक्शन नहीं, बल्कि कैश ही है। अभी भी 40 पर्सेंट लोग कैश में ही अपनी खरीददारी और वह भी बिना रिसीट के कर रहे हैं। हां, कैश का इस्तेमाल करने वाले लोगों में पिछले एक साल में 30 पर्सेंट कमी आई है, लेकिन प्रॉपर्टी की खरीददारी में नगदी का इस्तेमाल पिछले एक साल में बढ़ा है। सर्वे में सामने आया कि लोगों में डर है कि कहीं सरकार दो हजार के नोट फिर से बंद न कर दे। गौरतलब है कि आरबीआई ने हाल में आरटीआई द्वारा प्राप्त की गई जानकारी में बताया था कि उसने पिछले साल अप्रैल से दो हजार के नोट प्रिंट नहीं किए।