एक्सीडेंट रोकेगा स्मार्ट हेल्मेट

बिलासपुर – अब एलडीआर टेक्नोलॉजी पर आधारित हेल्मेट हिमाचल में रोड एक्सीडेंट पर ब्रेक लगाने में मददगार साबित होगा। दोपहिया वाहनों को एक्सीडेंट से बचाने की दिशा में कारगर कदम उठाते हुए शिवा इंटरनेशनल स्कूल घुमारवीं की होनहार छात्रा शिवांगी रतवान ने नई तकनीक पर आधारित एक स्मार्ट हेल्मेट वाला यह आधुनिक मॉडल तैयार किया है। इसकी खासियत यह है कि हेल्मेट पहनने के बाद ही स्टार्ट होगी और सोलर सेल फिट होने के चलते फ्यूल की खपत भी ज्यादा नहीं होगी। स्कूल मैनेजमेंट का निर्णय है कि यदि यह मॉडल नेशनल के लिए सिलेक्ट होता है तो इसे पेटेंट करवाया जाएगा। शिवा इंटरनेशनल स्कूल घुमारवीं की प्रधानाचार्य डा. शिल्पा गोयल व फिजिक्स टीचर शशि भारद्वाज की गाइडलाइन में होनहार छात्रा शिवांगी रतवान द्वारा तैयार किया गया यह मॉडल यहां गर्ल्ज सीनियर सेकेंडरी स्कूल बिलासपुर में सजी राज्य स्तरीय बाल विज्ञान सम्मेलन की प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस मॉडल की खासियत के बारे में होनहार छात्रा शिवांगी रतवान लोगों व बुद्धिजीवियों को बारीकी से विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवा रही हैं। प्रधानाचार्य डा. शिल्पा गोयल के अनुसार कुछ समय पहले कंदरौर के पास एक हादसा पेश आया था। इसमें एक बाइक सवार की हैड इंजरी के कारण जान चली गई थी। उसके बाद निर्णय लिया था कि दोपहिया वाहनों को हादसों से बचाने की दिशा में कोई कारगर योजना पर काम करेंगे। होनहार छात्रा शिवांगी रतवान को इस दिशा में गाइड किया गया और उसने एलडीआर तकनीक पर आधारित एक ऐसा स्मार्ट हेल्मेट तैयार किया है जो सड़क हादसों पर रोक लगाने में काफी मददगार साबित होगा। इसमें खास बात यह है कि हेल्मेट पहनने के बाद ही यह स्टार्ट होगा और हेल्मेट उतारने पर बंद होगा। यदि चलाते समय हेल्मेट उतार देते हैं तो ऑटोमेटिक ही बंद हो जाएगा। इस स्मार्ट हेल्मेट में एलडीआर फिट किया गया है यानी एक ऐसा सर्किट है जिसे पहनने के बाद गाल व कान हेल्मेट के साथ टच होने चाहिए तभी स्टार्ट होगा। उन्होंने बताया कि इस हेल्मेट में सोलर सेल फिट किए गए हैं, जिससे इंधन की खपत कम होगी। कम खर्चे में एक लंबा सफर किया जा सकेगा। रोड सेफ्टी के लिहाज से यह तकनीक काफी कारगर सिद्ध होगी। उन्होंने बताया कि यह स्मार्ट हेल्मेट कोई अधिक महंगा नहीं होगा। बाजार में मिलने वाले हेल्मेट के रेट से महज सौ से डेढ़ सौ रुपए अधिक कीमती होगा। हालांकि अभी तक यह तकनीक आधारित हेल्मेट देश में कहीं भी उपलब्ध नहीं है, लेकिन आने वाले समय में यह देश व प्रदेश में दोपहिया वाहनों को हादसों से बचाने में कारगर सिद्ध होगा। डा. शिल्पा गोयल ने बताया कि यदि राज्य स्तरीय बाल विज्ञान सम्मेलन में इस मॉडल की राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए सिलेक्शन होती है तो इसे पेटेंट

करवाया जाएगा।