एक कागज पर मुहर नहीं लगेगी, तो दुल्हन ससुराल नहीं जाएगी

By: Nov 5th, 2019 12:30 am

हमीरपुर में कोर्ट मैरिज के कानूनी पचड़े में फंसी शादी, युवक-युवती ने मंदिर में लिए फेरे

हमीरपुर  – कोर्ट मैरिज में जब कानूनी पचड़े दिखे तो कन्या पक्ष ने लास्ट मूमेंट पर शादी से इनकार कर दिया। हालांकि बाद में शादी के फेरे शहर से कुछ दूरी पर एक मंदिर में लिए गए, लेकिन सोमवार को दिनभर एसडीएम कोर्ट के बाहर जो तमाशा होता रहा, वह चर्चा का विषय बना रहा। दरअसल हमीरपुर शहर के साथ लगते एक गांव की लड़की का दिल विदेश में रह रहे युवक पर आ गया था। लड़का शाहतलाई की तरफ से बताया जा रहा है, जो मालदीव में नौकरी करता है। लड़का और लड़की शादी करना चाहते थे। इसलिए लड़के ने अपने माता-पिता को सारी बात बताई। लड़के के माता-पिता ने बात आगे बढ़ाई। लड़का कुछ दिन की छुट्टी पर घर आ रहा था, इसलिए वे जल्द शादी करना चाहते थे। आखिऱ लड़की के रिश्तेदार व अभिभावक आपसी विचार-विमर्श करने के बाद कोर्ट मैरिज को राजी हो गए। बात ओके होते ही दूल्हा भी मालदीव से 20 दिन की छुट्टी लेकर घर पहुंच गया। सोमवार को हमीरपुर एसडीएम कोर्ट में मैरिज ऑफिसर के पास विवाह की रजिस्ट्रेशन की फाइल सबमिट करवाने दूल्हा व दुल्हन पक्ष के लोग पहुंच गए। कोर्ट में उन्हें मैरिज एक्ट की  सेक्शन-5 के बारे में बताया गया। एक्ट में लिखा है कि एक महीने की नोटिस अवधि रहेगी। इसके अनुसार मैरिज ऑफिसर अपने नोटिस बोर्ड पर शादी की सूचना चस्पा कर आपत्तियां आमंत्रित करेगा। अगर आपत्ति आती है, तो उस पर विचार होगा और नहीं आती है, तो तीन गवाहों के समक्ष शादी हो जाएगी। इस पर दुल्हन पक्ष के लोग नहीं मानें, क्योंकि उन्हें एक माह की अवधि बहुत लंगी लगी। दोनों पक्ष मिनी सचिवालय के गेट पर भी मामला सुलझाने की कोशिश करते रहे, लेकिन कोर्ट मैरिज पर रजामंदी नहीं बन पाई। बाद में उन्होंने सोमवार शाम को किसी मंदिर में जाकर शादी की रस्में पूरी कीं।

क्या कहता है कानून

मैरिज एक्ट के सेक्शन-5 के अनुसार कोर्ट मैरिज के लिए एक महीने की नोटिस अवधि रहती है। इसके अनुसार मैरिज ऑफिसर अपने नोटिस बोर्ड पर शादी की सूचना चस्पा कर आपत्तियां आमंत्रित करता है। अगर आपत्ति आती है, तो उस पर विचार होता है और नहीं आती है, तो तीन गवाहों के समक्ष शादी हो जाती है


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