किसानों को समझाएं नई तकनीक

By: Nov 15th, 2019 12:03 am

कृषि निर्यात नीति कार्यशाला में मार्कंडेय के विशेषज्ञों को निर्देश

शिमला – कृषि विशेषज्ञ प्रदेश भर के किसानों को नई तकनीक के जरिए खेती करने के लिए प्रेरित करें, ताकि उत्पादन में वृद्धि हो सके। यह बात कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय ने कही। कृषि, जनजातीय एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय ने गुरुवार को मशोबरा कृषि प्रबंधन संस्थान के सभागार में एकदिवसीय कृषि निर्यात नीति-2018 पर आधारित कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कृषि विशेषज्ञों एवं कृषि उत्पादक संगठन के पदाधिकारी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि का सकल घरेलू उत्पाद में 20 प्रतिशत योगदान है। उन्होंने कृषि विशेषज्ञों से अनुरोध किया कि वे प्रयोगशाला की तकनीकों को किसानों तक पहुंचाएं, ताकि ग्रामीण आर्थिकी को संबल प्रदान हो और लघु एवं सीमांत किसानों की आय में बढ़ोतरी दर्ज हो।डा. मार्कंडेय ने बताया कि भारत सरकार 2022 तक कृषि निर्यात को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लिए प्रयास कर रही है। वहीं, नवीनतम तकनीक से किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने किसानों की आय में इजाफा करने के लिए मूल्य संवर्द्धन के कार्य को गति देने पर बल दिया। कृषि मंत्री ने रसायन युक्त खेती के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला और विशेषज्ञों से गहन विचार विमर्श किया। कृषि मंत्री ने रसायन मुक्त खेती के लाभ से किसान उत्पादक संगठनों को अवगत करवाया और इसकी कम लागत के महत्व पर विस्तृत चर्चा की। इससे पूर्व कृषि निदेशक डा. राकेश कौंडल ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और उन्हें विभाग की समावेशी और किसान कल्याण की योजनाओं से अवगत करवाया। इस अवसर पर एपीईडीए की एजीएम रजनी अरोड़ा, कृषि प्रबंधन संस्थान मशोबरा के निदेशक डा. देशराज ठाकुर व कृषि विभाग के विशेषज्ञ भी उपस्थित रहे।


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