कुल्लू में ढूंढे नहीं मिल रहे डाक्टर

By: Nov 19th, 2019 12:21 am

अस्तपाल में मरीजों को झेलनी पड़ रही दिक्कतें;बिना इलाज के वापस लौटने को मजबूर,ज्यादातर ओपीडी पर ताला

कुल्लू –आखिर सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने कुल्लू की जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर ही दिया। इस स्थिति का खुलासा तब हुआ जब 300 बिस्तर वाले क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में सोमवार को जिला के विभिन्न क्षेत्रों से उपचार करने आए मरीजों को डाक्टर साहब नहीं मिलने परेशान होना पड़ा।  मरीजों को बिना उपचार के बैरंग लौटने के साथ निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ा। मरीजों की सेहत के साथ सरकारी अस्पताल में कितना बड़ा खिलवाड़ हो रहा है, यह मौजूदा स्थिति बयां कर रही है। सरकार ने ही जहां एक साथ पांच विशेषज्ञ डाक्टरों के तबादले कर जनता को परेशानी में डाल दिया है और ओपीडी में ताले लटकने शुरू तक हो गए हैं। वहीं, अस्पताल प्रबंधन डाक्टरों के तबादले होने पर जरूर असमंजस में होगा। लेकिन अधिकतर डाक्टर अवकाश पर होने से स्थिति और गंभीर हो गई है। सोमवार को हैरानी का वाकया तब देखने को मिल गया, जब टोकन और पर्ची सिस्टम के पास लाइन में खड़े आर्थो के मरीजों को विशेषज्ञ डाक्टर न होने की जानकारी के बाद बिना उपचार लौटना पड़ा। लिहाजा, आर्थो के विशेषज्ञ डाक्टर की तबादला होने से ताला लटक गया है। यही नहीं सोमवार को मेडिसिन के साथ-साथ अन्य कई आपीडी में बंद पड़ी थी। मरीजों की पर्ची तो बनाई गई, लेकिन ओपीडी पहुंचकर डाक्टर शल्य चिकित्सा के साथ अन्य सरकार के प्रोग्राम में व्यस्त  होने के चलते मरीजों को नहीं मिल पाए। बता दें कि मरीजों की नब्ज टटोलने के लिए अस्पताल के भीतर जो उपस्थित और अनुपस्थित डाक्टरों की सूची दशाई गई है, वह भी हैरानी भरी थी। बता दें कि इस सूची में कुल 24 डाक्टर हैं। जिनमें से सोमवार को 12 डाक्टर आउट दर्शाए थे। जबकि सात डाक्टर इन दर्शाए गए थे। जबकि  पांच डाक्टर आपातकालीन, रात्रि सेवा, शल्या चिकित्सा और ट्रामासेंटर ड्यूटी पर दर्शाए गए थे। लिहाजा, दिनभर उपचाराधीन 200 से अधिक मरीजों के साथ-साथ सात सौ के करीब मरीजों के चैकअप के लिए कम डाक्टर ही तैनात थे। बता दें कि सोमवार की सूची में जो 12 डाक्टर आउट दर्शाए गए थे, इनमंे पांच डाक्टरों के सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने नेरचौक और टांडा मेडिकल कालेज के लिए ट्रांस्फर कर दी है। बीते शनिवार को ट्रांसफर डाक्टर क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू से रिलीव हो गए हैं और सोमवार को इन डाक्टरों ने वहां ज्वाइन कर दिया है। लेकिन सूची अनुसार सात अन्य डाक्टर अस्पताल से आउट होना, प्रबंधन की व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खडे़ कर रहा है।

यह डाक्टर ट्रांसफर

बता दें कि क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू से डा. नितेश, डाक्टर वीरेंद्र नेगी, डा. मोहित बजाज, डा. सुशील बीते शनिवार को रिलीव हो गए हैं। जबकि इनसें पहले डा. स्वाति ट्रांसफर हुए हैं। बता दें कि इनमें तीन डाक्टर नेरचौक और दो डाक्टर टांडा मेडिकल चले गए हैं।

आर्थो वार्ड में इतने मरीज उपचाराधीन

बता दें कि क्षेत्रीय अस्पताल के आर्थो वार्ड में नौ मरीज उपचाराधीन हैं। मेल वार्ड में छह और फिमेल वार्ड में तीन मरीज उपचाराधीन है। एक मात्र हड्डी रोग विशेषज्ञ डाक्टर ट्रांसफर होने से यह मरीज तो परेशान हैं। वहीं, अन्य मरीज अब निजी अस्पताल की तरफ जाने को मजबूर हो गए हैं। सोमवार को काफी मरीज हड्डी रोग के आए थे, लेकिन वह बिना उपचार बैंरग लौटे।

 सरकार जल्द भेंजे डाक्टर

अस्पताल में उपचाराधीन मरीज ईश्वर का कहना है कि वह पिछले एक महीने से उपचाराधीन हंै। उन्हें टांग में दिक्कत हैं। ऐसे में विशेषज्ञ डाक्टर का तबादला होने से मरीजों को परेशानी आ सकती है। उपचार करने आई मोहलता, रीना, कविता, शिवानी का कहना है कि उन्हें आर्थो डाक्टर नहीं मिलने से बिना उपचार घर जाना पड़ा। ऐसे में जिला के लोगों ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग से जल्द डाक्टर भेजने की मांग की है। वहीं, अस्पताल प्रबंधन से यह भी गुहार लगाई है कि एक साथ डाक्टरों को अवकाश पर न भेंजें।

 


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