कोई देख न ले…छह घंटे गन्ने के खेत में छिपे रहे मासूम

गन्ने खाने के लिए खेत में घुसे थे बच्चे; डर के मारे अंधेरा होने तक नहीं निकले बाहर,लोगों में अफरा-तफरी

ज्वालामुखी-छोटे बच्चों की शरारतें भी कभी-कभी बड़ों के लिए परेशानी का सबब बन जाती हैं। भगवान श्रीकृष्ण जिस तरह से माखन चुरा कर भाग जाते थे, गुम हो जाते थे उसी तरह से ज्वालामुखी के लोअर घलोर के 12 साल के दो बच्चे जो दोस्त भी हैं, उन्होंने  किसी के खेतों से गन्ने उड़ाकर खाने का प्लान बनाया। बुधवार को 12 बजे के  करीब दोनों गन्ने के खेतों में घुसे और गन्ने खाकर जब निकलने लगे तो डर गए की कहीं कोई उनको देखकर पहचान न ले और उनकी शिकायत न कर दे । डर के मारे वह गन्ने के खेत में ही छह घंटे छिपे रहे। शाम तक बच्चे घर नहीं पहुंचे, तो अविभावकों ने उनको ढूंढना शुरू किया। उन्होंने लोगों को इकट्ठा कर पुलिस में बच्चों के गायब हो जाने की सूचना दी। डीएसपी ज्वालामुखी तिलक राज व एसएचओ मनोहर चौधरी मौके पर पहुंचे और बच्चों की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने सभी नाकों में पुलिस थानों व चौकियों में सूचना दे दी। बच्चों के फोटो हर तरफ  भेज दिए गए। सोशल मीडिया पर भी बच्चों के गायब हो जाने की खबरें चल पड़ी। विधायक रमेश धवाला ने भी प्रशासन हिला दिया। ब्यास में भी बच्चों को देखा जा रहा था, की कहीं बच्चे किडनैप तो नहीं हो गए। इसलिए लोअर घलोर की सहकारी सभा के सचिव सीताराम वालिया से उनका कार्यालय खुलवाया गया। काफी जद्दोजहद के बाद लोगों की मेहनत रंग लाई और टोलियां बनाकर बच्चों की तलाश करने निकले एक टोली के लोगों को गन्ने के खेतों में  पाया। मासूम शरारत ने छह घंटे तक यहां तनाव का माहौल बना दिया था कि कई बार पुलिस की लोगों के साथ नोकझोंक होती रही। सरकार व प्रशासन को इस शरारत ने हिला कर रख दिया। पुलिस ने बच्चों को उनके परिजनों के हवाले कर दिया।